बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान गुरुवार को शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया। राज्य के 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की गई। चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर (CEO) विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि गुरुवार को बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 121 सीटों पर वोटिंग संपन्न होने पर प्रोविजनल तौर पर 64.46 परसेंट वोटिंग दर्ज की गई।
गुंजियाल ने बताया कि इस चरण में कुल 3.75 करोड़ वोटर रजिस्टर्ड थे जो 1,314 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद कर चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि वोटिंग 45,341 पोलिंग स्टेशनों पर हुई जिनमें से 36,733 ग्रामीण इलाकों में रहे। उन्होंने कहा कि लखीसराय और सारण में मामूली झड़पों की कुछ घटनाओं को छोड़कर, वोटिंग शांतिपूर्ण ढंग से हुई। उन्होंने कहा, ‘वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हुई और कड़ी सुरक्षा के बीच शाम 6 बजे खत्म हुई। लगभग 64.46 परसेंट वोटिंग दर्ज की गई।’ उन्होंने आगे कहा, ‘कुल 143 शिकायतें मिलीं और उन्हें तुरंत सुलझा लिया गया।’
मतदान में बेगूसराय अव्वल, शेखपुरा सबसे पीछे। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बेगूसराय जिले में सबसे अधिक 67.32 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि शेखपुरा में सबसे कम 52.36 प्रतिशत वोटिंग हुई। अन्य जिलों में मतदान का हाल इस प्रकार रहा। गोपालगंज: 64.96%, वैशाली: 59.45%, दरभंगा: 58.38%, बक्सर: 55.10% और पटना: 55.02%। यह आंकड़े बताते हैं कि ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं का उत्साह शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक रहा। कई मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी कतारें लगी रहीं और दोपहर तक मतदान का रुझान 50 प्रतिशत पार कर गया था।
सुबह 7 से शाम 6 बजे तक हुआ मतदान
पहले चरण का मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक हुआ। 45,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। निर्वाचन आयोग ने इस बार पहली बार सभी मतदान केंद्रों पर CCTV कैमरे लगाए थे ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन में बनाए गए कंट्रोल रूम से मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त एस.एस. संधू और विवेक जोशी लगातार मतदान की स्थिति पर निगरानी करते रहे।
राजनीतिक दिग्गजों ने डाला वोट
चुनाव के पहले चरण में राज्य के बड़े नेताओं ने मतदान कर मतदाताओं को प्रेरित किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने अपने-अपने क्षेत्रों में मतदान किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर कहा , “मतदान करें और दूसरों को भी मतदान के लिए प्रेरित करें। लोकतंत्र के इस पर्व में हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।” वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने पटना में अपने परिवार के साथ मतदान किया और दावा किया कि “जनता इस बार परिवर्तन चाहती है।” केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, विजय कुमार सिन्हा और राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने भी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान किया।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले चरण में राजद के तेजस्वी प्रसाद यादव, भाजपा नेता सम्राट चौधरी और मंगल पांडे और जदयू के श्रवण कुमार और विजय कुमार चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेताओं के भाग्य का फैसला होगा। तेज प्रताप यादव भी पहले चरण में मैदान में हैं। 2020 में, मतदान तीन चरणों में हुआ था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 125 सीटें हासिल की थीं, जबकि विपक्षी महागठबंधन (MGB) ने 110 सीटें जीती थीं। प्रमुख दलों में, जनता दल (यूनाइटेड) ने 43 सीटें, भाजपा ने 74, राजद ने 75 सीटें और कांग्रेस ने 19 सीटें हासिल कीं। जदयू ने 115, भाजपा ने 110, जबकि राजद ने 144 और कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा।
अब दूसरे चरण पर निगाहें
पहले चरण के मतदान के बाद अब सभी की नजरें दूसरे चरण पर हैं, जो आने वाले सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण के नतीजे आगामी दौर की रणनीतियों को प्रभावित कर सकते हैं। राजनीतिक दल अब मतदाताओं के रुझान को देखकर अपनी चुनावी योजनाएं पुनः तय कर रहे हैं। शेष 122 निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा और मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
इस बार का एक नया पहलू यह भी है कि प्रशांत किशोर (PK) की नई पार्टी जन सुराज पार्टी ने मैदान में उतरकर तीसरे मोर्चे की चुनौती पेश की है। जातीय समीकरणों, नए दलों की मौजूदगी और स्थानीय मुद्दों के चलते पहले चरण में कई क्षेत्रों में अप्रत्याशित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
इस बार महिला मतदाताओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में महिलाएं सुबह से ही मतदान केंद्रों पर पहुंचीं। युवाओं में भी पहली बार वोट डालने का उत्साह देखने को मिला। चुनाव आयोग के अनुसार, इस चरण में महिला मतदाताओं की भागीदारी लगभग 48 प्रतिशत के आसपास रही।
हाई-प्रोफाइल सीटों पर कांटे की टक्कर
पहले चरण में कई हाई-प्रोफाइल सीटें केंद्र में रहीं। सबसे ज्यादा ध्यान तेजस्वी यादव की राघोपुर, तेज प्रताप यादव की महुआ और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की तारापुर सीट पर केंद्रित रहा। इसके अलावा बेगूसराय, पटना साहिब, वैशाली और दरभंगा ग्रामीण जैसी सीटों पर भी एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पहले चरण का मतदान राज्य की सत्ता परिवर्तन की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है। इस बार का चुनाव पूरी तरह से विकास बनाम रोजगार और कानून-व्यवस्था बनाम सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर टिका हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां अपने शासनकाल की उपलब्धियों और सुशासन की बात कर रहे हैं, वहीं तेजस्वी यादव बेरोजगारी, शिक्षा और युवाओं के भविष्य को लेकर जनता से संवाद कर रहे हैं।