बीजेपी और नीतीश के गठबंधन को हराने के लिए प्रचार के रास्ते पर पूरी ताकत झोंक रहे हैं तेजस्वी।
वोट से पहले बिहार में घूम-घूम कर प्रचार करने की योजना। राज्य के हर कोने में लगातार प्रचार की लहर उठाने का लक्ष्य। प्रचार खत्म होने तक पूरे राज्य में कम से कम 120 जनता सभाएं और रैली करके प्रचार में तूफान लाने की तैयारी आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की है। बीजेपी और नीतीश के गठबंधन को हराने के लिए तेजस्वी मिट्टी चाटते हुए प्रचार की राह ही चुन रहे हैं।
आंकड़ा कह रहा है कि जिस तरह योजना बनाई गई है। उसी के अनुसार तेजस्वी यादव 12 दिनों में 100 से अधिक जनसभाएँ करेंगे। कैसे ? समाचार माध्यमों की खबर के अनुसार प्रत्येक जनसभा में तेजस्वी लगभग 20 से 25 मिनट समय बिता रहे हैं। औसतन वे लगभग 15 मिनट का भाषण देते हैं। एक जगह समाप्त करके हेलीकॉप्टर से उड़कर दूसरे स्थान पर जाएंगे। इस तरह उन्होंने दस-दस जनसभाएँ करने की योजना बनाई है। इसके परिणामस्वरूप सुबह पटना से निकलकर दिनभर बिहार के विभिन्न हिस्सों में जनसभा करके पटना लौट सकते हैं।
तेजस्वी यादव ने पिछले बुधवार से प्रचार शुरू किया। उसी दिन उन्होंने 7 सभाओं और जुलूस में भाग लिया। उनमें से एक सभा राहुल गांधी के साथ थी। वहाँ उन्हें काफी समय बिताते देखा गया।
तेजस्वी हमेशा से भाजपा और नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ विभिन्न आरोप लगाते रहे हैं। इस बार बिहार की सरकार की कई परियोजनाओं की समस्याएं और भ्रष्टाचार बार-बार इस चुनाव प्रचार में उभर रहे हैं। सत्ता में आने पर उन्होंने बिहार के हर घर में एक सरकारी नौकरी का वादा भी किया है। अब तक जो देखा गया है उससे एक बात काफी स्पष्ट है। आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन पूरे प्रचार में चेहरे के रूप में सिर्फ तेजस्वी यादव को ही पेश किया जा रहा है। पोस्टर से लेकर झंडे, होर्डिंग से लेकर पर्चे, हर जगह सिर्फ तेजस्वी यादव की तस्वीर है।
इस विषय को लेकर भाजपा ने तंज कसा है। भगवा शिविर का कहना है कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह से लेकर शुरूआती पंक्ति के कई नेता बिहार में सभाएं कर रहे हैं लेकिन महागठबंधन का कोई नेता वहां नहीं है। इसलिए सब कुछ तेजस्वी प्रधान है।