SSC के 11वीं-12वीं स्तर पर शिक्षक नियुक्ति के लिए इंटरव्यू सूची में हुई है 'गलती'? शिक्षा विभाग दिया स्पष्टीकरण

शिक्षा विभाग ने कहा कि यदि कोई अभ्यर्थी प्रमाणपत्र सत्यापन के दौरान अयोग्य पाया जाता है, तो उसे बाहर कर दिया जाएगा।

By Snehasis Neogi, Posted By : Moumita Bhattacharya

Nov 17, 2025 15:45 IST

SSC द्वारा जारी की गयी 11वीं-12वीं के इंटरव्यू की लिस्ट को लेकर शुरू हुए विवाद में अब शिक्षा विभाग ने अपना जवाब दिया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर तमाम सावधानियों के बावजूद किसी भी 'टेंटेड' शिक्षक का नाम इंटरव्यू लिस्ट में आ जाता है, तो उसे प्रमाणपत्र सत्यापन के दौरान बाहर कर दिया जाएगा। इसके बाद फाइनल इंटरव्यू लिस्ट, जो क्षेत्रवार होगी, उसे जारी किया जाएगा।

शिक्षा विभाग ने क्या कहा?

SSC के इंटरव्यू लिस्ट को चल रहे विवाद पर शिक्षा विभाग ने कहा कि इस मामले में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इंटरव्यू की प्रारंभिक सूची जारी कर दी गई है। यह अभ्यर्थियों द्वारा ऑनलाइन दी गई जानकारी और 60 अंकों की लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर जारी हुई है। इस सूची के आधार पर जानकारी का सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद इंटरव्यू की अंतिम लिस्ट जो क्षेत्रवार होगी, उसे जारी किया जाएगा। इसलिए यदि कोई अभ्यर्थी प्रमाणपत्र सत्यापन के दौरान अयोग्य पाया जाता है, तो उसे बाहर कर दिया जाएगा।

साथ ही इस बात पर भी विवाद हो रहा है कि SSC की 'टेंटेड' सूची में शामिल शिक्षक नीतीश रंजन बर्मन को इंटरव्यू में कैसे बुलाया गया। इस बारे में राज्य के शिक्षा विभाग ने SSC के हवाले से बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 3 अप्रैल को दिए अपने आदेश में दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए कुछ छूट दी है। हालांकि इस मामले में वकीलों से सलाह ली जा रही है। अगर किसी अभ्यर्थी को तमाम सावधानियां बरतने के बावजूद टेंटेड होने के बावजूद मौका मिलता है, तो सत्यापन के दौरान उसे निश्चित रूप से बाहर कर दिया जाएगा। यह अधिकार हमेशा SSC के हाथ में है।

11वीं-12वीं स्तर के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए SSC ने इंटरव्यू के लिए बुलाए गए अभ्यर्थियों की सूची पिछले शनिवार रात जारी कर दी थी। इस सूची को लेकर कई विवाद हुए हैं। कालियागंज प्रखंड के साहेबघाटा एनएन हाई स्कूल के शिक्षक नीतीश रंजन बर्मन को नियुक्ति भ्रष्टाचार के एक मामले में अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी।

उनकी पत्नी बिपाशा बर्मन का दावा है कि उनका नाम इस साल अगस्त में SSC द्वारा जारी टेन्टेड शिक्षकों की सूची में था। कथित तौर पर, नीतीश को भी साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। हालांकि उनके पिता केशव ने दावा किया कि उनके बेटे का नाम अयोग्य शिक्षकों सूची में था। लेकिन परीक्षा देने के बाद उन्हें दिव्यांग कोटे के तहत इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था।

इसके अलावा वर्ष 1997 में जन्मे और शिक्षण का अनुभव वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक पदों के लिए शामिल करने पर भी विवाद हुआ। इस संदर्भ में जानकार शिक्षा विभाग के इस बयान को बेहद महत्वपूर्ण मान रहे हैं।

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