लखीमपुर खीरीः उत्तर प्रदेश का बहुचर्चित तिकुनिया हिंसा मामले में बड़ा मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखीमपुर खीरी के पढुआ थाने में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी', उनके बेटे आशीष मिश्रा तथा निघासन ब्लॉक प्रमुख के पति अमनदीप सिंह के खिलाफ प्राथमिकी एफआईआर दर्ज की गई है। इन लोगों पर मुख्य गवाह बलजिंदर सिंह को गवाही से रोकने के लिए धमकाने और प्रलोभन देने का आरोप है।
बलजिंदर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के बाद यूपी पुलिस को अभियुक्तों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया। इस कार्रवाई के बाद तिकुनिया कांड से जुड़े प्रमुख अभियुक्तों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
गवाह का आरोपः बलजिंदर सिंह ने आरोप लगाया है कि 15 अगस्त 2023 को अमनदीप सिंह उनके घर आए और गवाही बदलने के लिए दबाव बनाया और इनकार करने पर उन्हें धमकी दी फिर एक लाख रुपये का लालच दिया। अगले दिन जब वह गवाही देने के लिए वह निकले, अमनदीप सिंह उनकी ससुराल गए और दोबारा धमकाया। बलजिंदर का कहना है कि वह डर के कारण पहले ससुराल और फिर पंजाब भाग गये। उन्होंने पूरी बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया।
एफआईआर दर्जः भारतीय दंड संहिता की धाराओं 195ए (गवाही देने से रोकना या धमकाना), 506 (आपराधिक धमकी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत पढुआ थाने में बलजिंदर की शिकायत पर 4 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के निर्देश के बाद नियमानुसार एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मामले में एक अज्ञात व्यक्ति को भी अभियुक्त बनाया गया है।
क्या है तिकुनिया कांड?: मालूम हो कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। आरोप है कि तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा अपनी थार गाड़ी से किसानों को कुचलते हुए निकल गए, जिससे चार किसानों, एक पत्रकार और तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की जान चली गयी। घटना को लेकर दो मुकदमे दर्ज किए गए थे। एक आशीष मिश्रा और 13 अन्य तथा दूसरा भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से किसानों पर। मामले की जांच एसआईटी कर रही है।