कांशीराम की पुण्यतिथिः अखिलेश ने कांशीराम से करीबी जतायी तो मायावती उन पर बरसीं, भाजपा की प्रशंसा की

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में इंडिया ब्लॉक की सरकार बनाने के लिए हाशिए पर पड़े समुदायों को मजबूत करने का आह्वान किया।

By डॉ.अभिज्ञात

Oct 09, 2025 19:27 IST

लखनऊः दलित वर्ग के हमदर्द दो राजनीतिक दलों में उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ एकजुट होने की संभावना दूर दूर तक नहीं दिखाई दे रही है। अलबत्ता बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए बसपा कार्यकर्ताओं का ध्यानाकर्षण किया कि सपा भी दलितों और पिछड़े वर्ग के लिए काम कर रही है और उनकी पार्टी की कांशीराम से भी बहुत करीबी रही है।

अखिलेश ने उत्तर प्रदेश में इंडिया ब्लॉक की सरकार बनाने के लिए हाशिए पर पड़े समुदायों को मजबूत करने का आह्वान किया। लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी दलितों और पिछड़े वर्गों के लिए काम कर रही है। आज के राजनीतिक परिदृश्य में हमें पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) को मजबूत करने के लिए एकजुट होना चाहिए, ताकि उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय के लिए सरकार बनाई जा सके। समाजवादी पार्टी हमेशा दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम करती रही है।

अखिलेश ने याद दिलाया कि जिस वर्ग के लिए बसपा कार्य करती है, उसी वर्ग की भलाई के लिए सपा भी समर्पित है। उन्होंने कांशीराम और बसपा से अपने पिता व अपनी पार्टी के सम्बंधों की भी याद दिलाई। अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी और मेरे पिता नेताजी मुलायम सिंह यादव का संघर्ष हमेशा दलितों, पिछड़ों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए रहा है। नेताजी ने कांशीराम को इटावा से सांसद बनवाने में योगदान दिया था। उस दौर में साम्प्रदायिक राजनीति के खिलाफ सपा और बसपा ने मिलकर लड़ाई लड़ी थी। सपा सरकार ने कांशीराम स्मारक की देखरेख के निर्देश लखनऊ विकास प्राधिकरण को दिए थे। मैंने वहां सूखे पेड़ देखे तो उन्हें हटाकर कचनार, पीपल और क्रोशिया के पेड़ लगवाये। नेताजी और कांशीराम ने मिलकर साम्प्रदायिक ताकतों को चुनौती दी थी, हम उसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

अखिलेश के रुख के विपरीत मायावती उन पर बरसीं और भाजपा सरकार की प्रशंसा की। बसपा प्रमुख मायावती ने कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित रैली में कहा कि जब सपा की सरकार थी, तब कांशीराम स्मारक से जुड़े फंड को दबा दिया गया था। अब सत्ता से बाहर हैं तो कांशीराम और पीडीपी की याद आ रही है। सपा को 'दोगला' बताते हुए कहा कि ऐसी पार्टियों से दूरी बनाना ही उचित होगा। सपा का पीडीए का नारा खोखला है, सिर्फ वोटबैंक की राजनीति है।

मायावती ने यूपी की मौजूदा भाजपा सरकार की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने कांशीराम स्मारक से प्राप्त राजस्व का पारदर्शी तरीके से उपयोग किया है। उन्होंने स्मारक स्थल से मिलने वाले पैसे को दबाया नहीं, जबकि सपा सरकार में यही पैसा रोक लिया गया था।

मायावती के इस रुख पर अखिलेश ने कहा कि अगर वह उन लोगों की शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने दलितों पर जुल्म किया, तो और क्या कहा जाए?

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