अहमदाबाद। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दों को उठा रही है क्योंकि लोगों की नागरिकता, पहचान और सम्मान पर हमला हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया ईमानदारी से नहीं की जा रही। अहमदाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए खेड़ा ने कहा कि 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान जब आखिरी SIR हुई थी, तब कोई विवाद नहीं था। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार से जवाब मांगे।
खेड़ा ने कहा, “अब पश्चिम बंगाल में भाजपा भी दावा कर रही है कि SIR में गड़बड़ी हो रही है। तो कैसे यह ठीक है बिहार में और गलत बंगाल में? कांग्रेस ने देशभर में SIR के मुद्दे सिर्फ चुनाव जीतने के लिए नहीं उठाए हैं। क्या ज्ञानेश कुमार तय करेंगे कि जनता वोट कर पाएगी या नहीं?” उन्होंने जोर देकर कहा कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा हर नागरिक को दिया गया वोट का अधिकार लोकतंत्र में एक ढाल और एक तलवार की तरह है। अगर यह अधिकार छीना जाता है तो नागरिकों की नागरिकता, पहचान और सम्मान पर हमला होता है। इसलिए SIR बहुत महत्वपूर्ण है।
खेड़ा ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि वहां BLO अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है और नाम गलत तरीके से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवाल सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे और चुनाव आयोग को कई सुधार करने पड़े। उन्होंने गुजरात की भाजपा सरकार पर भी हमला किया और कहा कि यह सरकार बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसी असली समस्याओं से ध्यान हटाकर नए मुद्दे पैदा कर रही है। खेड़ा ने कहा, “सरकार का काम मुद्दे पैदा करना नहीं, बल्कि देश चलाना है। लेकिन दिल्ली हो या गांधीनगर, सरकार सिर्फ मुद्दे पैदा कर रही है, जिससे लोगों के बीच मतभेद बढ़ रहे हैं। हम ऐसी सरकार को वोट नहीं देते जो रोज नए मुद्दे उठाकर लोगों को व्यस्त रखे।”