बेंगलुरु। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलाव को लेकर चल रही अटकलों के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने एकजुटता का संदेश दिया। शिवकुमार के सदाशिवनगर स्थित आवास पर नाश्ते की बैठक के बाद दोनों नेताओं ने स्पष्ट कहा कि सरकार में किसी तरह का मतभेद नहीं है और वे “भाइयों की तरह” मिलकर काम कर रहे हैं।
सिद्धारमैया ने कहा कि शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन जब कांग्रेस हाईकमान फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि वे और शिवकुमार नेतृत्व के सवाल पर हाईकमान के निर्देशों का पालन करेंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में आगामी 8 दिसंबर से शुरू होने वाले बेलगावी सत्र, सांसदों की दिल्ली बैठक और चार एमएलसी पदों के उम्मीदवारों पर रणनीति पर चर्चा हुई।
इस बीच सिद्धारमैया की एक टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है जिसमें वे एक विधायक से कहते सुने गए - “राजनीति स्थायी नहीं होती… क्या राजनीति मेरे बाप की संपत्ति है?” इस बयान ने सत्ता परिवर्तन की अटकलों को और तेज किया है। नाश्ते में शाकाहारी व मांसाहारी दोनों व्यंजन परोसे गए। सिद्धारमैया ने मजाक में कहा कि शिवकुमार ने उनके शाकाहारी होने के बावजूद ‘नाटी कोली’ (देशी चिकन करी) भी परोसी।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान की कोशिश के तहत हुई यह बैठकें नेतृत्व विवाद पर अस्थायी विराम लगाने की पहल मानी जा रही हैं, खासकर तब जब सरकार अपनी अवधि के आधे चरण में पहुंच चुकी है और 2023 की जीत के बाद कथित पावर-शेयरिंग फॉर्मूले की चर्चाएं मजबूत रही हैं। गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने बैठक को “सकारात्मक” बताया, जबकि भाजपा नेता आर. अशोक ने तंज कसते हुए कहा कि “कांग्रेस नेता नाश्ते में व्यस्त हैं और सरकार किसानों के मुद्दों और सड़कों की गड्ढों से भरी हालत पर असफल साबित हो रही है।”
फिलहाल नजरें हाईकमान पर टिकी हैं कि वह इस राजनीतिक समीकरण में अगला कदम कब और क्या उठाता है।