कोडगु: कर्नाटक के कोडगु ज़िले में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे किसी चमत्कार से कम नहीं कहा जा सकता। बाघों के रहने वाले इलाके में रात बिताने के बाद 2 साल की बच्ची अपने माता-पिता की गोद में सुरक्षित लौट आई और यह सब मुमकिन हुआ पालतू कुत्तों की मदद से।
कुछ दिन पहले बच्ची के माता-पिता, सुनील और नागिनी, कोडगु के एक सुनसान जंगल किनारे स्थित कॉफी एस्टेट में काम करने आए थे। 28 नवंबर की शाम बच्ची सुनन्या एस्टेट के क्वार्टर के बाहर खेल रही थी। उसकी मां मोबाइल फोन में व्यस्त थीं।
करीब 6 बजे नागिनी को एहसास हुआ कि सुनन्या घर के बाहर नहीं है। सुनील ने तुरंत पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। इसके बाद स्थानीय लोगों, पुलिस, वनकर्मियों और चार पालतू खोजी कुत्तों के साथ मिलकर एक बड़ा खोज अभियान शुरू किया गया। पहली रात तलाशी के दौरान जंगल के पास बाघ के पैरों के निशान मिले साथ ही एक आधा-खाया हुआ बाइसन भी मिला जिससे सभी की चिंता और बढ़ गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम बेहद चिंतित थे। जंगली जानवर किसी भी वक्त बच्ची को नुकसान पहुंचा सकते थे।
अगली सुबह फिर खोज शुरू हुई। लगभग तीन घंटे बाद खोज टीम के साथ मौजूद पालतू कुत्ता ओरियो तेज़ आवाज़ में भौंकने लगा। वह कॉफी एस्टेट के सबसे ऊंचे हिस्से से भौंक रहा था जहां से ठीक पास ही घना जंगल शुरू होता है। ओरियो की आवाज सुनकर खोज टीम वहां पहुंची और झाड़ी के बीच गहरी नींद में सोती मिली छोटी सुनन्या। ग्राम पंचायत के प्रधान कलीरा बोपन्ना ने कहा कि यह ईश्वर की कृपा है। बच्ची लगभग आधा किलोमीटर बिना खाना-पानी के चली और वहीं सो गई लेकिन वह एक बार भी नहीं रोई, अगर रोती तो जंगली जानवर उसे पहचान सकते थे।