पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक और बड़ी अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन ने उन्हें 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के “मील का पत्थर” उपलब्धि के रूप में मान्यता दी है। जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने यह जानकारी X पर साझा करते हुए लिखा, “यह अत्यंत गर्व और खुशी का विषय है कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन ने माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की असाधारण उपलब्धि को मान्यता दी है।” उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र की यात्रा में एक दुर्लभ उपलब्धि बताया।
नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा
नीतीश कुमार पहली बार साल 2000 में मुख्यमंत्री बने थे लेकिन बहुमत सिद्ध न कर पाने के कारण सात दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद 2005 में सत्ता में वापसी के बाद वे लगातार मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। सिर्फ एक छोटे अंतराल को छोड़कर जब लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने जीतन राम मांझी को पद सौंप दिया था। अपने लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने NDA और महागठबंधन दोनों के साथ गठबंधन किया और अंततः 10 बार शपथ लेने वाले दुर्लभ नेताओं में शामिल हो गए।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का संदेश
संजय झा ने बताया कि संगठन ने कहा है कि यह उपलब्धि नीतीश कुमार की अटल सार्वजनिक सेवा, स्थिर प्रशासन और बिहार की जनता के निरंतर भरोसे का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “किसी राज्य का 10 कार्यकाल तक नेतृत्व करना सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं बल्कि बिहार के लोकतांत्रिक सामर्थ्य का ऐतिहासिक प्रमाण है।” झा के अनुसार, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स जल्द ही नीतीश कुमार का नाम अपनी वैश्विक विशिष्ट सूची में शामिल करेगा। उन्होंने इसे बिहार के लिए गर्व का क्षण और एक ऐसे नेतृत्व के प्रति सम्मान बताया जिसकी स्थिरता आज भी राज्य की प्रगति को दिशा दे रही है।