बिहार चुनाव को लेकर पूरे राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं। इसी बीच बिहार की मशहूर लोकगायिका मैथिली ठाकुर के बिहार चुनाव लड़ने की चर्चा है। मैथिली ठाकुर आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। वो देश विदेश में अपनी प्रतिभा के जलवे बिखेर चुकी हैं। मैथिली ठाकुर की भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ हुई मुलाकात के बाद उनके राजनीति में आने की चर्चा तेज है। भाजपा मैथिली को मधुबनी या दरभंगा की किसी विधानसभा सीट से टिकट दे सकती है। भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने मंगलवार को अपने गृहक्षेत्र बेनीपट्टी से बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।
परिचय की मोहताज नहीं हैं मैथिली
2024 में बिहार की बेहद लोकप्रिय युवा लोक गायिका मैथिली ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया था।इससे पहले 2021 में मैथिली ठाकुर को संगीत नाटक अकादमी के प्रतिष्ठित उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार भी दिया गया था।
ऐसा है मैथिली का परिवार
मैथिली ठाकुर को भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ ही लोक गीतों को सुरों में बांध कर गाने की प्रेरणा अपने पिता और दादा से ही मिली है। मैथिली ठाकुर के पिता का नाम रमेश ठाकुर है जो खुद भी संगीतज्ञ हैं। बहुत कम समय में मैथिली ने संगीत की दुनिया में नाम कमा लिया है। मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार में मधुबनी जिले के बेनीपट्टी इलाके में हुआ था। मैथिली ठाकुर का बचपन से ही संगीत की ओर रुझान था। लोक गीत उन्हें बेहद पसंद था। मैथिली की मा पूजा ठाकुर गृहणि हैं। मैथिली के दो भाई हैं। बड़े भाई का नाम ऋषभ ठाकुर उनके छोटे भाई का नाम अयाची है।
मैथिली ठाकुर के विधानसभा चुनाव लड़ने की अफवाहों को हवा तब मिली जब भाजपा नेता विनोद तावड़े ने रविवार को मैथिली ठाकुर और उनके परिवार के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें X पर शेयर कीं। तावड़े ने अपनी पोस्ट में कहा कि मैथिली ठाकुर का परिवार 1995 में लालू प्रसाद यादव के शासनकाल के दौरान बिहार छोड़कर चला गया था। उन्होंने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा है कि जिस परिवार ने 1995 में बिहार में लालू राज आने पर बिहार छोड़ दिया था उस परिवार की बेटी सुप्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर बदलते बिहार की गति देखकर बिहार लौटना चाहती हैं।
हालांकि राजनीति एक ऐसा मैदान है जहां अपनी पहचान बनाने में सालों साल मेहनत करनी पड़ती है। राजनीति में रातों रात किसी की किस्मत नहीं चमकती हैं। हालांकि कोई सेलिब्रिटी अगर चुनावी मैदान में उतरता है तो उसकी फैन फोलोइंग का फायदा तो उसे मिलता ही है। अब देखना यह है कि मैथिली ठाकुर को राजनीति में कितनी सफलता मिलती है।