बिहार की बड़ी जीत के बाद क्या धर्मेंद्र प्रधान संभालेंगे बंगाल भाजपा की मुख्य जिम्मेदारी ?

By अरिंदम बंधोपाध्याय, Posted by: लखन भारती

Nov 15, 2025 13:41 IST

प्रमोद महाजन के 'योग्य' उत्तराधिकारी ? या फिर पूर्वज को पीछे छोड़कर नया रिकॉर्ड बनाने की चुनौती ? बिहार के शानदार नतीजे के बाद अब धर्मेंद्र प्रधान को लेकर भाजपा के अंदर ऐसी ही चर्चा हो रही है। पारिवारिक विवाद में 2006 में अपने भाई के हाथों मारे जाने से पहले प्रमोद महाजन को उस समय भाजपा का सबसे बड़ा चुनावी रणनीतिकार या इलेक्शन मैनेजर कहा जाता था। 2004 के लोकसभा चुनाव में करारी हार से पहले प्रमोद महाजन ने कम से कम एक दर्जन राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाई थी या अपनी रणनीति से पार्टी को संबंधित राज्य की सत्ता दिलाई थी।

सुना जा रहा है कि भाजपा के अंदरूनी खेमे में कई लोग उन्हें '022' (महाराष्ट्र का एसटीडी कोड) कहकर बुलाते थे। वे अटल बिहारी वाजपेयी-लालकृष्ण आडवाणी के क्राइसिस पोल मैनेजर थे। किसी भी संकट के समाधान के लिए प्रमोद महाजन के पास दिल्ली के अशोक रोड से हर घंटे फोन आता था। कठिन से कठिनतम चुनावी लड़ाई जीतना उनके लिए आसान काम था। ऐसे प्रमोद महाजन को भी पीछे छोड़ गए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान।

शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा के अंदरूनी खेमे में नए चुनावी रणनीतिकार वही हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली के बाद बिहार- लगातार चार चुनावों में पार्टी की जीत के मुख्य कारीगर धर्मेंद्र हैं। भाजपा के इलेक्शन मैनेजर के रूप में इन चार राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले जमीन पर उतरकर उन्होंने पार्टी की जीत दिलाई है। उनकी इस अनूठी सफलता से खुश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को खुद फोन करके केंद्रीय शिक्षा मंत्री को बधाई दी है, ऐसा दिल्ली में पार्टी सूत्रों का दावा है। इसी के चलते भाजपा की नई योजना सामने आई है। बिहार चुनाव में धर्मेंद्र प्रधान की रणनीति और मेहनत सफलता दिलाने के बाद अगले साल निर्धारित बंगाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी के शीर्ष स्तर पर भी धर्मेंद्र प्रधान को ही विशेष जिम्मेदारी देने का फैसला किया गया है।

कैसे लगातार चार चुनावों में सफलता पाए धर्मेंद्र प्रधान ?

वे खुद धाराप्रवाह हिंदी नहीं बोल सकते, ओडिशा के मूल निवासी हैं। उनकी हिंदी में ओड़िया का प्रभाव स्पष्ट है। फिर भी महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और बिहार लगातार चार बड़े युद्धक्षेत्र में वे बेहद सफल रहे।

क्या है उनकी यूएसपी ?

इस सवाल के जवाब में नाम न बताने की शर्त पर भाजपा के एक शीर्ष सांसद का दावा है कि धर्मेंद्र प्रधान गणित बहुत अच्छा करते हैं। वे जानते हैं कि टीवी कैमरे के सामने चेहरा दिखाने से कोई फायदा नहीं। मैदान में उतरकर पार्टी के लिए काम करना होगा और सफलता पानी होगी। इस लक्ष्य के लिए वे जिस राज्य में कदम रखते हैं, वहां जमीन पर जमकर काम करते हैं। उस राज्य के जमीनी स्तर के नेताओं के साथ एक पारिवारिक रिश्ता बना लेते हैं। दिल्ली और संबंधित राज्य के नेताओं के बीच जो दूरी है, जो तथाकथित मनमुटाव है, वह इस पारिवारिकता में दूर हो जाता है।'

इस नेता का कहना है, 'बिल्कुल ग्राउंड जीरो से शुरू होता है प्रधानजी का काम। सुबह से सड़क पर निकलकर खुद रोज कई सौ किलोमीटर घूमते हैं, गांव-कस्बों में जाते हैं। प्रतिपक्ष के कमजोर बिंदु खोजकर सबको साथ लेकर कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई करने के लिए ही उनकी यह अभूतपूर्व सफलता है।' लो-प्रोफाइल रहने वाले धर्मेंद्र अगले साल बंगाल में कमल खिला सकेंगे या नहीं, यही देखना है।

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