लोकआस्था का महापर्व छठ पूजा पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। राजधानी पटना में लाखों की संख्या में श्रद्धालु और छठव्रती गंगा घाटों पर सूर्य उपासना के लिए पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था, सुरक्षा, स्वच्छता और पार्किंग को लेकर विशेष तैयारी की है।
पटना में ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव
छठ पर्व के दौरान 27 अक्टूबर की दोपहर से 28 अक्टूबर की सुबह तक पटना में कई मुख्य मार्गों पर यातायात व्यवस्था में व्यापक बदलाव किया गया है। जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार, अशोक राजपथ, जेपी गंगापथ और अटल पथ पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। अटल पथ पर 27 अक्टूबर सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक और 28 अक्टूबर सुबह 2 बजे से 9 बजे तक सामान्य वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी। अटल पथ की दोनों किनारों की सिंगल लेन में श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग व्यवस्था की गई है।
इस दौरान ट्रक, बस, हाइवा, जेसीबी जैसे भारी वाहनों का प्रवेश पूर्ण रूप से वर्जित रहेगा। केवल आपातकालीन सेवाओं के वाहन ही सोनपुर या छपरा की ओर जा सकेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने खजांची रोड, पटना कॉलेज और साइंस कॉलेज परिसर में विशेष पार्किंग स्थल बनाए हैं। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने लोगों से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और प्रशासन के निर्देशों का सहयोग करें ताकि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो।
550 घाटों पर छठ की तैयारी पूरी
छठ महापर्व को लेकर पटना जिला प्रशासन ने अभूतपूर्व व्यवस्था की है। प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम, एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा और नगर आयुक्त यशपाल मीणा ने बताया कि जिले में गंगा और सहायक नदियों के लगभग 550 घाटों पर छठ पूजा की तैयारी की गई है। नगर निगम क्षेत्र में 102 गंगा घाट, 63 तालाब और 45 पार्कों में छठव्रतियों के लिए पूजा-अर्चना की व्यवस्था की गई है। घाटों पर बुनियादी नागरिक सुविधाओं जैसे स्वच्छता, पेयजल, प्रकाश, पार्किंग और विश्राम स्थल की व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
स्वच्छता, पेयजल और विश्राम की व्यवस्था
नगर निगम ने घाटों पर अस्थायी सुविधाओं का बड़ा नेटवर्क तैयार किया है। हर घाट पर शौचालय, यूरिनल, नल, पानी टैंकर समेत मूलभूत सुविधाएं छठव्रतियों को स्वच्छता, पेयजल व विश्राम जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम व जिला प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए गए हैं। नगर निगम क्षेत्र के 102 गंगा घाटों, 45 पार्कों व 63 तालाबों पर कुल 552 अस्थायी शौचालय, 450 अस्थायी यूरिनल, 185 नल, 50 पानी के टैंकर, 37 चापाकल, 20 सबमर्सिबल मोटर, पीवीसी टैंक नल सहित, 400 अस्थायी चेंजिंग रूम, 13 यात्री शेड, 112 नियंत्रण कक्ष, 13 सहायक नियंत्रण कक्ष, 171 वाच टावर की व्यवस्था की गई है।
शहरी क्षेत्र के अतिरिक्त सभी अनुमंडलों में अनुमंडल पदाधिकारियों की निगरानी में घाटों पर आवश्यक नागरिक सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। नगर आयुक्त यशपाल मीणा ने बताया कि नगर निगम और जिला प्रशासन के कर्मचारी चौबीसों घंटे घाटों की निगरानी करेंगे।
सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की पुख्ता तैयारी
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार पुख्ता इंतजाम किए हैं। छठ पर्व के दौरान किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 9-9 टीमों को तैनात किया है। 277 सदस्यीय एनडीआरएफ टीम और 36 सदस्यीय एसडीआरएफ टीम लगातार गंगा घाटों की निगरानी करेगी। 444 गोताखोर, 323 नाव-नाविक और 149 सिविल डिफेंस वॉलिंटियर्स भी तैनात रहेंगे। गंगा किनारे रिवर पेट्रोलिंग और ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है।
त्योहारों पर घर लौटने वालों के लिए बस सेवा
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि दिवाली और छठ जैसे अवसरों पर घर लौटने वाले लोगों के लिए सरकार विशेष बस सेवा की व्यवस्था कर रही है। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जिन्हें ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी व्यक्ति त्योहार के दौरान अपने घर पहुंचने से वंचित न रहे।
प्रशासन की अपील
पटना डीएम ने श्रद्धालुओं और छठव्रतियों से अपील की है कि वे प्रशासन की ओर से बनाए गए पार्किंग स्थल और निर्धारित मार्गों का ही उपयोग करें। भीड़भाड़ से बचने के लिए घाटों पर समय से पहुंचें और सुरक्षा कर्मियों के निर्देशों का पालन करें।
छठ महापर्व पर पटना पूरी तरह छठमय हो गया है। गंगा घाटों से लेकर तालाबों और पार्कों तक रोशनी और श्रद्धा का वातावरण व्याप्त है। प्रशासन की सख्त निगरानी, स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था के बीच लोकआस्था का यह पर्व श्रद्धा, अनुशासन और सामाजिक एकता का अद्भुत उदाहरण पेश कर रहा है।
छठ सिर्फ आस्था का पर्व नहीं, बल्कि संगठन, अनुशासन और साझेदारी की मिसाल भी है। इस बार का पटना प्रशासन यह साबित करने की कोशिश में है कि अगर तैयारी और तकनीक साथ चले तो भीड़ भी व्यवस्था बन सकती है। आस्था की यह लहर जब गंगा किनारे सूर्य को अर्घ्य देगी तो प्रशासन की मेहनत भी उसकी परछाई में झलकेगी क्योंकि इस बार छठ सिर्फ घाटों पर नहीं, शहर की हर गली में एक "सिस्टम की परीक्षा" के रूप में मनाया जा रहा है।