स्कोर 2-1। इस सीज़न के डर्बी नतीजों के बारे में ईस्ट बंगाल का यही कहना है। हाल ही में संपन्न आईएफए शील्ड फाइनल और डर्बी जीतने वाले मोहन बागान ने ईस्ट बंगाल को डर्बी जीतने की हैट्रिक नहीं बनाने दी। ग्रीन और मैरून टीम शील्ड को महत्व नहीं देती थी लेकिन इस बार उन्होंने उसे महत्व दिया और जीत हासिल की। इस मैच को जीतकर मोहन बागान के सचिव श्रींजय बसु और अध्यक्ष देबाशीष दत्ता ने विरोधी टीम को जोरदार टक्कर दी।
आईएफए शील्ड में मोहन बागान ने टाईब्रेकर 4-5 गोल से जीत लिया। इस मैच के बाद स्टेडियम से निकलते हुए श्रींजॉय बसु ने कहा, 'मैंने पहले ही कहा था कि जिस दिन मोहन बागान पूरी टीम के साथ खेलेगा, नतीजा अलग होगा। आज वही हुआ। हम पहले आईएफए शील्ड नहीं खेलना चाहते थे क्योंकि हमारे पास सभी खिलाड़ी नहीं होते। जब पूरी टीम मिल गई तो मुझे पता था कि हम जीतेंगे।'
देबाशीष दत्त ने मैदान पर आने के लिए प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, 'यह जीत बहुत खुशी की बात है। सभी खिलाड़ियों, कोचों, सहयोगी स्टाफ और प्रबंधन का शुक्रिया। प्रशंसकों का सबसे ज्यादा शुक्रिया। बैठक के बाद सभी प्रशंसक आए, कोई विरोध नहीं हुआ। इससे साबित हुआ कि मोहन बागान एक परिवार है।'
ये डर्बी मोहन बागान के लिए खास हैं क्योंकि इसी टीम के साथ मोहन बागान डूरंड कप में ईस्ट बंगाल से हारकर डूरंड से बाहर हो गया था। इस बार इसी टीम के साथ उन्होंने ईस्ट बंगाल को हराकर आईएफए शील्ड जीती। हालांकि देबाशीष दत्ता इस मैच को बदला लेने के तौर पर नहीं देखना चाहते। उन्होंने कहा, "मोहन बागान ने पांच साल तक जो किया है, उसे अब बदला नहीं कहा जा सकता।"
इस मैच में मोहन बागान और ईस्ट बंगाल दोनों के स्टेडियम खचाखच भरे थे। मैच से पहले मोहन बागान के कोच मोलिना और कप्तान सुभाशीष बसु प्रशंसकों की उम्मीदों को लेकर चिंतित थे। उन्होंने प्रशंसकों से मैदान में आने का आह्वान किया। इसके अलावा डर्बी से पहले मोहन बागान क्लब के अधिकारियों ने फैन क्लबों के साथ एक बैठक की। नतीजतन, प्रशंसकों की भीड़ उमड़ पड़ी।