शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले ही केंद्र की ओर से यह बता दिया गया था कि संसद में ‘जय हिंद’ और ‘वंदेमातरम्’ के नारे नहीं लगाए जा सकेंगे। इसी पर अब संसद के दोनों सदनों में ‘वंदेमातरम्’ पर विशेष चर्चा होने जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, सोमवार को लोकसभा में वंदेमातरम् पर विस्तृत चर्चा होगी। उस दिन दोपहर में इस पर बहस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके माध्यम से औपचारिक रूप से सत्र की शुरुआत होगी और चर्चा के अंत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वक्तव्य देंगे। एएनआई सूत्रों के अनुसार, वंदेमातरम् पर लोकसभा में चर्चा के लिए भाजपा ने तीन घंटे का समय निर्धारित किया है। हालांकि संसद में कुल चर्चा 10 घंटे चलेगी।
राज्यसभा में वंदेमातरम् पर चर्चा और बहस मंगलवार को होगी। राज्यसभा में इसकी शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से होगी। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष ‘वंदेमातरम्’ के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसी कारण संसद में यह विशेष सत्र किया जा रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया था कि शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर निर्णय लिया गया था। लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में तय हुआ कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 8 दिसंबर दोपहर 12 बजे से लोकसभा में चर्चा होगी। उसी के साथ चुनावी सुधारों पर चर्चा करने का भी निर्णय लिया गया।
बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास ‘आनंदमठ’ का ‘वंदेमातरम्’ देश की स्वतंत्रता का मंत्र था। बाद में इस गीत को राष्ट्रगीत के रूप में चुना गया। इस वर्ष संसद में ‘वंदेमातरम्’ नारा बंद करने के निर्णय पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध जताया था।