नई दिल्ली: जीरो आवर में लोकसभा में भाजपा सांसदों के साथ तृणमूल कांग्रेस की डिप्टी लीडर शताब्दी रॉय का तीखा विवाद हो गया। संसदीय लॉटरी के तहत जारी सूची के अनुसार शताब्दी बंगला भाषा के अपमान के मुद्दे पर बयान देने लगीं, तभी ट्रेज़री बेंच के सांसदों ने उन्हें रोक दिया। उस समय लोकसभा की पैनल चेयरपर्सन के. पी. तेननेटी ने शताब्दी से कहा कि वे मुद्दे के अनुरूप वक्तव्य दें।
इसके बाद जब शताब्दी दोबारा बंगला भाषा के अपमान का मुद्दा उठाने लगीं, तो पैनल चेयर ने उन्हें रोककर भाजपा सांसद जुगल किशोर को बोलने का निर्देश दिया।
विरोध में शताब्दी सीधे ट्रेज़री बेंच के सामने चली गईं और ज़ोर से चिल्लाकर कहा कि उन्हें हर हाल में बोलने दिया जाए। शताब्दी को समर्थन देने के लिए तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा और शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल भी वहां पहुंच गईं। पूरा विपक्ष नारेबाज़ी और शोरगुल में शामिल हो गया।
स्थिति बिगड़ती देख भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर हस्तक्षेप करने आए और माहौल को शांत करने की कोशिश की।
अंत में पैनल चेयर ने शताब्दी को एक मिनट के भीतर अपना वक्तव्य रखने की अनुमति दी। अपने स्थान पर लौटने के बाद शताब्दी ने ट्रेज़री बेंच पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “अगर बंगला में बात करते ही हमें ‘बांग्लादेशी’ कहकर ठप्पा लगाया जाता है और सबको बांग्लादेश भेजने की बात होती है, तो फिर हिंदी और उर्दू में बोलने वाले भाजपा सांसदों को पाकिस्तान क्यों नहीं भेजा जाता?”
शताब्दी की इस टिप्पणी पर पूरा विपक्ष उनके समर्थन में खड़ा हो गया।