लोकसभा में कल ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पर विशेष चर्चा; 10 घंटे चलेगी बहस

भारत के राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ इस वर्ष 7 नवंबर को मनाई गई। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का यह गीतपहली बार 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद बंकिम ने इसे अपने उपन्यास आनंदमठ (1882) में शामिल किया। बाद में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्ध किया।

By डॉ. अभिज्ञात

Dec 07, 2025 15:18 IST

नई दिल्ली: संसद के निचले सदन लोकसभा में 8 दिसंबर को वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी जिसमें राष्ट्रगीत से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथा कम ज्ञात ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डाला जाने की उम्मीद है। ये चर्चाएं वंदे मातरम् की विरासत और 150 वर्ष पूरे होने पर संसदीय स्तर पर किए जा रहे विशेष फोकस का हिस्सा हैं।

सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार दोपहर 12 बजे इस बहस की शुरुआत करेगे ,जो औपचारिक कार्यवाही का आरंभ होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी चर्चा के समापन पर बोलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने 7 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में वंदे मातरम् के 150 वर्षों के वर्षव्यापी समारोह का उद्घाटन किया था और इसे मां भारती के प्रति भक्ति और आध्यात्मिक समर्पण का प्रतीक बताया था। लोकसभा की इस बहस के लिए कुल 10 घंटे निर्धारित किए गए हैं, जिसमें भाजपा नीत एनडीए सरकार को तीन घंटे का समय आवंटित किया गया है। यह बहस राज्यसभा में भी 9 दिसंबर मंगलवार को होगी। राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए जाने की संभावना है।

कांग्रेस के जो आठ नेता लोकसभा में बोलेंगे, उनमें उप-लोकसभा नेता प्रतिपक्ष गौरव गोगोई, प्रियंका गांधी वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, बिमोल अकोइजम, प्रणिति शिंदे, प्रशांत पाडोले, चामला रेड्डी और ज्योत्स्ना महंत शामिल हैं। भारत के राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ इस वर्ष 7 नवंबर को मनाई गई। वंदे मातरम् की रचना बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने की थी। यह पहली बार 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद बंकिम ने इसे अपने उपन्यास आनंदमठ (1882) में शामिल किया। बाद में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्ध किया। यह गीत देश की सभ्यतागत, राजनीतिक और सांस्कृतिक चेतना का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।

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