देश की बजट फ्रेंडली और बड़ी एयरलाइंस कंपनी में IndiGo एयरलाइंस का नाम सबसे ऊपर आता है। पिछले 2-3 दिनों के दौरान IndiGo की सैकड़ों उड़ान को रद्द कर दिया गया है। रद्द होने की मुख्य वजह कर्मचारियों की कमी और पायलट का नया रोस्टर नियम बताया जा रहा है।
पर आखिर नया रोस्टर नियम है क्या जिसकी वजह से शुक्रवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर IndiGo की सभी उड़ान को रात 12 बजे तक के लिए रद्द कर दी गयी है? इसके साथ ही चेन्नई और बेंगलुरु से शाम 6 बजे तक सारी उड़ान को IndiGo ने रद्द कर दिया है। सिर्फ इतना ही नहीं गुरुवार को भी देशभर के कई एयरपोर्ट से कुल मिलाकर 550 उड़ान को रद्द किया गया था। दोनों दिनों में कुल मिलाकर IndiGo ने लगभग 950 उड़ान रद्द कर दी हैं।
बता दें, IndiGo एयरलाइंस प्रतिदिन करीब 2300 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का संचालन करती है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर किन वजहों ने IndiGo के साथ-साथ यात्रियों की मुश्किलों को भी बढ़ा दिया है -
क्यों लगातार रद्द हो रही फ्लाइट?
NBT की मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार पायलट लगातार काम के चलते थकान की शिकायतें करते रहते हैं। इसलिए उन्हें आराम देने के लिए ही 1 नवंबर से DGCA ने पायलटों के लिए नया FDTL नियम यानी फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन को लागू किया है।
दावा किया जा रहा है कि इस नियम के लागू होने के बाद ही IndiGo की समस्याएं सबसे अधिक बढ़ गयी। एयरलाइंस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर के महीने में IndiGo एयरलाइंस की लगभग 1232 उड़ान को रद्द कर देना पड़ा था। इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक उड़ान के रद्द होने की वजह क्रु की कमी थी।
क्या है नया FDTL नियम?
पायलट को मिलेगा वीकली रेस्ट - इस नियमानुसार हर पायलट को सप्ताह में 48 घंटे का आराम मिलेगा। पहले यह समय काफी कम हुआ करता था।
रात को लैडिंग का समय कम - रात के समय काम का समय थोड़ा बढ़ा दिया गया है लेकिन रात को होने वाली लैडिंग की संख्या में कमी लायी गयी है।
6 नहीं 2 नाइट लैंडिंग - नए नियम के अनुसार अब पायलट हर सप्ताह सिर्फ 2 नाइट लैंडिंग ही कर सकते हैं। पहले प्रत्येक पायलट को 6 नाइट लैंडिंग की अनुमति थी।
पायलट की लैंडिंग पर बांधी गयी सीमा - रात को 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच पायलट कितनी बार लैंडिंग करेंगे, इस पर भी सीमा बांध दी गयी है। ताकि पायलट की थकान न बढ़े।
नए नियमानुसार पायलट की उड़ान सीमाएं
*प्रतिदिन 8 घंटे
*प्रति सप्ताह 35 घंटे
*प्रति माह 125 घंटे
*प्रति वर्ष 1000 घंटे
बता दें, IndiGo के अलावा टाटा समूह के एयर इंडिया समेत अन्य कई घरेलू एयरलाइंस ने इस नियम को लागू तो किया है। लेकिन आरोप लगाया जा रहा है कि IndiGo एयरलाइंस ने इस नियम को ठीक तरीके से प्रबंधन नहीं किया गया है, जिस वजह से यह समस्या इतने बड़े पैमाने पर खड़ी हो गयी है।
कैसे सुधरेगी परिस्थिति?
लगातार रद्द हो रही फ्लाइट और यात्रियों की परेशानी को देखते हुए अब DGCA ने मोर्चा संभाला है। मिली जानकारी के अनुसार DGCA ने FDTL की एक शर्त को वापस ले लिया है। इस शर्त में कहा गया था कि साप्ताहिक अवकाश (Week off) के दिन के अलावा और किसी दिन छुट्टी नहीं ली जा सकेगी।
इस नियम में बदलाव किया गया है। बताया जाता है कि नियम में हुआ बदलाव शुक्रवार से ही लागू कर दिया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस नियम में हुए बदलाव की वजह से अब क्रु के सदस्य व पायलट का रोस्टर बनाने में एयरलाइंस कंपनी को काफी सुविधा होगी।
गौरतलब है कि यात्री परिवहन का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा IndiGo एयरलाइंस के हाथों में है। इस वजह से उम्मीद की जा रही है कि नियमों में बदलाव से परिस्थिति में जल्द सुधार होगा।