दुर्गापूजा खत्म हो गई है। पूजा की छुट्टियां भी खत्म होने वाली हैं। लक्ष्मीपूजा के बाद स्कूल खुल जाएंगे। उसके बाद परीक्षा होगी। लेकिन बच्चों का पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लग रहा है। वे अभी भी त्योहार के मूड में हैं। जबरदस्ती करके भी उन्हें पढ़ने के लिए नहीं बैठाया जा सकता। इस समस्या का भी समाधान है। माता-पिता को इन 5 तरीकों का इस्तेमाल करना होगा।
1) माता-पिता और बच्चों को पुरानी दिनचर्या में वापस लौटना होगा। स्कूल जाने पर जिस समय वे उठते हैं, जिस समय पढ़ने बैठते हैं, वही सब फिर से करना होगा। अभी से पुरानी दिनचर्या में लौटने से स्कूल खुलने के बाद कोई परेशानी नहीं होगी।
2) पूजा के समय किताबों-कॉपियों से कोई संबंध नहीं था, इसलिए अब किताब लेकर बैठने में थोड़ी समस्या हो रही है। बच्चे को लगातार एक जगह बैठाकर रखना संभव नहीं है, इसलिए उसे छोटे-छोटे काम दें। एक पन्ना पढ़ने को दें, दो पन्ने लिखने को दें। कम सवाल हल करने को दें। शुरुआत में ही ढेर सारी पढ़ाई देने से वह कर नहीं पाएगा।
3) पहले दिन ही 3 घंटे पढ़ने के लिए बैठाना संभव नहीं है। पढ़ाई के लिए शुरुआत में सुबह 30 मिनट और शाम को 30 मिनट तय कर सकते हैं। धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। इससे पढ़ाई के प्रति बच्चे की फिर से रुचि पैदा होगी।
4) पूरे दिन पढ़ाई की बात करने से बच्चा और पढ़ने के लिए नहीं बैठना चाहेगा, इसलिए पढ़ाई की बात न करके दूसरे विषयों पर भी चर्चा कर सकते हैं। इसके अलावा बच्चे को उसकी किताबों-कॉपियों की अलमारी ठीक करने को कह सकते हैं।
5) लंबे समय तक छुट्टी में रहने के बाद बहुत से बच्चे स्कूल जाना नहीं चाहते, इसलिए स्कूल के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए उसे स्कूल की कहानियां सुना सकते हैं। उसके दोस्तों, शिक्षक-शिक्षिकाओं की कहानियां सुना सकते हैं। स्कूल के प्रति उसकी रुचि बढ़े, इस विषय में उत्साहित कर सकते हैं।