घर के पेट्स यानी पालतू जानवर की उम्र बढ़ गई है। इसलिए पहले जैसी चुस्ती-फुर्ती भी गायब हो गई है। वह लगातार सुस्त रहता है। पेट्स के व्यवहार में यह बदलाव चिंता का कारण है। हालांकि उम्र बढ़ने पर धीरे-धीरे शांत हो जाता है, यह स्वाभाविक है। पशु चिकित्सकों के अनुसार, उम्र बढ़ने पर कुत्तों को मधुमेह, कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए उम्र बढ़ने पर पेट्स की अतिरिक्त देखभाल करनी होगी। आप उसकी देखभाल कैसे करेंगे?
उम्र बढ़ने पर पेट्स की भूख कम होने लगती है। इसलिए उसे अधिक प्रोटीन खिलाना होगा। मछली, मांस, अंडा खिलाना होगा। खाने में नमक की मात्रा कम करनी होगी। चॉकलेट, बिस्कुट बिल्कुल नहीं खिलाना चाहिए। अधिक मात्रा में फल खिलाना जरूरी है। सेब, केला खिला सकते हैं। फलों में बहुत सारे विटामिन होते हैं, जो पेट्स के शरीर में पोषण प्रदान करेंगे।
जब कुत्ता बुढ़ापे की ओर बढ़ता है, तो धीरे-धीरे कम सुनना, दृष्टि कमजोर होना जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। लेकिन अपने आप कोई दवा देने की कोशिश न करें। किसी पशु चिकित्सक के पास ले जाएं। जरूरत पड़ने पर टेस्ट कराना होगा।
उम्र बढ़ने पर पेट्स का भी मन खराब हो जाता है। इसलिए बुजुर्ग पेट्स का मन अच्छा रखने की जिम्मेदारी भी आपकी है। बुजुर्ग पेट्स को अकेला न छोड़ें। ऐसा करने से उसे मानसिक अवसाद घेर लेगा। इसलिए पेट्स को मानसिक रूप से खुश रखने की कोशिश करें। जरूरत पड़ने पर पेट्स के लिए कुछ खिलौने खरीद सकते हैं।