पूजा के समय कई दिनों तक रात में जागकर मूर्ति दर्शन किया गया। माता-पिता के साथ बच्चों ने भी बराबरी की। उसके बाद से रात में निर्धारित समय पर उन्हें किसी भी तरह सुलाया नहीं जा सकता। उनके साथ अभिभावकों को भी जागना पड़ रहा है। स्वाभाविक है अगले दिन सुबह देर से उठना हो रहा है।
काम में भी ऊर्जा नहीं मिल रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि पर्याप्त नींद न होने से छोटे और बड़े - सभी का स्वास्थ्य खराब होगा। इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए आप कौन सा तरीका अपनाएंगे?
1) कोशिश करें कि हर दिन एक निश्चित समय पर सोने जाएं। यह आदत एक बार बन जाने के बाद निर्धारित समय के बाद बच्चे जाग नहीं पाएंगे। लेकिन बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी इस नियम का पालन करना होगा।
2) टीवी, लैपटॉप या फोन का उपयोग करने से मस्तिष्क सजग और सक्रिय हो जाता है। सोने जाने से कम से कम एक घंटे पहले से सभी डिजिटल उपकरणों से बच्चे को दूर रखने की कोशिश करें।
3) बच्चे को शारीरिक रूप से सक्रिय रखने की कोशिश करें। मैदान में खेलने दें। खेलकूद करने से वैसे ही थकान आती है। इससे अच्छी नींद आती है।
4) सोने के समय कोई विशेष काम करने की आदत डाल सकते हैं। जैसे गाना सुनना, कहानी की किताब पढ़ना। अब तो ऑडियो पॉडकास्ट पर भी कहानियां सुनी जा सकती हैं। ये सब नींद लाने में मदद करते हैं।
5) रात में बच्चे को सुलाने से पहले उसके शरीर, हाथ-पैर अच्छी तरह से धुलवा कर, पोंछ कर दें। हल्के सूती के कपड़े पहनाने से भी उन्हें आराम मिलेगा। तकिए या चादर पर कुछ बूंद एसेंशियल ऑयल छिड़क देने से भी नींद आएगी।