दुर्गा पूजा उत्सव के चार-पांच दिन हंगामे में बीत गए। अब दैनिक जीवन में लौटने का समय है। वही ऑफिस, वही काम। फिर से वही नियमित जीवन शुरू। लेकिन मन काम पर लौटना नहीं चाहता। उत्सव की लहर अभी तक नहीं गई है। शरीर भी थका हुआ है। किसी को रात बीतते ही ऑफिस जाना है तो किसी को वीकेंड के बाद काम पर लौटना होगा। किसी की सामने परीक्षा है, पढ़ाई शुरू करनी होगी। लेकिन कार्यक्षेत्र में उत्साह के साथ कैसे लौटेंगी? कैसे रोकेंगी उत्सव की लहर को?
पूजा के दिनों में खूब घूमे-फिरे। हंगामे में दिन बीत गए। रात देर तक जागना, पंडाल हॉपिंग, खाना-पीना- इन सब से शरीर पर भी असर पड़ा है। काम पर लौटने से पहले शरीर को उचित आराम दें। पर्याप्त नींद जरूरी है। इससे काम पर लौटने के बाद शरीर में थकान महसूस नहीं करेंगी।
पूजा खत्म हो गई इसका मतलब यह नहीं कि दोस्तों के साथ मिलना-जुलना भी खत्म हो गया। ऐसा न करें। उत्सव की लहर को धीरे-धीरे पार करके काम पर लौटना होगा। कोशिश करें कि अगला वीकेंड भी दोस्तों के साथ बिताएं। इससे कष्ट थोड़ा कम होगा। जरूरत पड़े तो एक दिन के लिए घूमने या लॉन्ग ड्राइव पर जा सकती हैं।
पूजा के दिनों में बहुत सारी तस्वीरें लीं और सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं। पूजा के पोस्ट पूजा के बाद भी ट्रेंड में रहेंगे। जब भी वे पोस्ट बार-बार न्यूज फीड में आएंगे, मन खराब होगा। इसलिए कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूर रहें। साथ ही अभी पूजा की तस्वीरें न देखें। इससे ज्यादा मन खराब होगा।
पूजा के कुछ दिनों में सोने जाने, नींद से उठने, खाने-पीने का कोई निश्चित समय नहीं था। लेकिन अब लय में लौटना होगा। ऑफिस शुरू होने से पहले निश्चित समय पर सोने जाने, नींद से उठने की आदत डालें। इससे काम पर लौटना आसान होगा।