बर्लिन/नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बर्लिन के हर्टी स्कूल में एक छात्र समूह से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) देश के संस्थागत ढांचे और संविधान को अपने राजनीतिक फायदे के लिए कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विपक्ष एक ऐसी प्रतिरोध प्रणाली बनाएगा जो सत्ता से भाजपा को हटाने में सफल होगी।
संविधान और समानता पर गंभीर आरोप
गांधी ने कहा कि भाजपा की नीतियों का उद्देश्य संविधान की मूल बातें खत्म करना है। उनके मुताबिक, यह प्रयास राज्यों के बीच समानता, भाषाओं और धर्मों के बीच समानता, और प्रत्येक व्यक्ति के समान मूल्य जैसी संवैधानिक नींव को खत्म करने का है। उन्होंने कहा, "जो भाजपा प्रस्तावित कर रही है, वह वास्तव में संविधान का उन्मूलन है। राज्यों और व्यक्तियों के बीच समानता के विचार को खत्म करना उनका लक्ष्य है।"
गांधी ने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई केवल भाजपा या किसी व्यक्तिगत नेता के खिलाफ नहीं है, बल्कि संस्थागत ढांचे के कब्जे के खिलाफ है।
भारतीय लोकतंत्र: वैश्विक संपत्ति
राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र की वैश्विक महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा और जटिल लोकतंत्र है। उनका कहना था कि भारतीय लोकतंत्र पर हमला केवल भारत के लिए नहीं बल्कि वैश्विक लोकतंत्र के लिए भी खतरा है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने यूरोपियन यूनियन की तुलना करते हुए कहा कि जब यूरोपीय देश संघ बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, भारत ने 1947 में संविधान के आधार पर एक सशक्त राजनीतिक और आर्थिक संघ स्थापित किया।
गांधी ने कहा, "यदि आप लोकतंत्र पर कोई वैश्विक चर्चा करना चाहते हैं तो भारत के लोकतंत्र को अनदेखा नहीं किया जा सकता। यह सिर्फ भारत की संपत्ति नहीं, बल्कि वैश्विक लोकतंत्र की संपत्ति है।"
संस्थाओं की स्वतंत्रता खतरे में
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारत में कई संस्थाएं अपनी भूमिका सही तरीके से नहीं निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया और संस्थागत ढांचे का दुरुपयोग किया जा रहा है और भाजपा ने इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए हथियार बना लिया है।
गांधी ने कहा, "हमें इस बात को समझना होगा कि हम केवल भाजपा के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं, हम उनकी संस्थाओं पर कब्जे के खिलाफ लड़ रहे हैं। विपक्ष ऐसी प्रणाली बनाएगा जो लोकतंत्र की रक्षा करेगी और संस्थाओं के स्वायत्त कार्य को सुनिश्चित करेगी।"
राहुल गांधी यह बयान जर्मनी दौरे के दौरान दे रहे थे। उन्होंने छात्रों से कहा कि लोकतंत्र केवल कानूनी और संस्थागत रूप से नहीं, बल्कि नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से भी सुरक्षित रहता है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि विपक्ष का मकसद केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि संस्थाओं और लोकतंत्र की रक्षा भी है।