🔔 ताज़ा ख़बरें सबसे पहले!

Samachar EiSamay की ब्रेकिंग न्यूज़, राजनीति, खेल, मनोरंजन और बिज़नेस अपडेट अब सीधे आपके पास।

बांग्लादेश दे रहा है भारत के “सात बहन राज्यों” को परोक्ष धमकियां : विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव

बांग्लादेश के मौजूदा तत्व भारत को नुकसान पहुंचाने के तरीके तलाश रहे हैं।

By डॉ. अभिज्ञात

Dec 22, 2025 19:34 IST

नई दिल्ली: विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने सोमवार को बांग्लादेश में भारत के खिलाफ उभर रही मौजूदा जनभावनाओं और वहां के नेताओं के बयानों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने इन्हें भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए “धमकी” करार देते हुए चेतावनी दी कि पड़ोसी देश के कुछ तत्व भारत को “नुकसान पहुंचाने” के तरीके तलाश रहे हैं।

सचदेव ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की हालिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मौजूदा नेतृत्व की ओर से आ रहे बयान भारत के “सात बहन राज्यों” के खिलाफ परोक्ष धमकियों के समान हैं और यह एक चिंताजनक घटनाक्रम है। मैं इन्हें भारत के सात बहन राज्यों को लेकर बांग्लादेश के मौजूदा नेताओं की ओर से आ रही धमकियां कहूंगा। इसमें कोई संदेह नहीं कि यह एक गंभीर संकेत है। इतने सारे चिंताजनक कारक हैं कि यह भारत के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है।

सचदेव ने आगे कहा, “बांग्लादेश में मौजूदा जनमत ऐसा प्रतीत होता है कि वे भारत को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। वे कहते हैं कि ‘हम पूर्वोत्तर में समस्याएं पैदा कर सकते हैं’; ऐसे बयान बार-बार उन नेताओं की ओर से सामने आ रहे हैं, जो इन आंदोलनों से निकले हैं। ऐसा लगता है कि बांग्लादेश के कुछ तत्व न केवल भारत के साथ सभी संबंध तोड़ना चाहते हैं, बल्कि भारत को नुकसान पहुंचाने के तरीके भी खोज रहे हैं। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की हालिया टिप्पणियों का भी उल्लेख किया, जिनसे संकेत मिलता है कि बांग्लादेश की भावी राजनीतिक दिशा अतिवादी वैचारिक प्रभावों से संचालित हो सकती है।

सचदेव ने कहा कि शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान ढाका ने पूर्वोत्तर भारत के उग्रवादी समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी और उन्हें पीछे धकेलने में नई दिल्ली के साथ सहयोग किया था। हालांकि, उनके अनुसार मौजूदा माहौल अलग दिखाई देता है। जब यूनुस कहते हैं कि हादी का राजनीतिक दर्शन वही दर्शन है, जिसके आधार पर आने वाली पीढ़ियों तक बांग्लादेश आगे बढ़ेगा, तो इसका मतलब यह है कि वे संकेत दे रहे हैं कि भारत के सात बहन राज्य या पूर्वोत्तर क्षेत्र खतरे में पड़ सकते हैं क्योंकि हमारे पूर्वोत्तर में उग्रवाद की समस्याएं रही हैं। कई बार ये उग्रवादी बांग्लादेश में शरण लेते रहे हैं। शेख हसीना के कार्यकाल में बांग्लादेश ने उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की और उन्हें वापस खदेड़ा।

सचदेव की ये टिप्पणियां एएनआई को दिए गए शेख हसीना के हालिया ईमेल साक्षात्कार की पृष्ठभूमि में आई हैं, जिसमें उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर और तथाकथित “चिकन नेक” कॉरिडोर को लेकर मौजूदा बांग्लादेशी शासन की बयानबाजी की कड़ी आलोचना की थी। छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन के बाद अगस्त में सत्ता से हटाई गई हसीना ने कहा कि मौजूदा शासन के ऐसे बयान “खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना” हैं और कोई भी “गंभीर नेता” अपने पड़ोसी देश के खिलाफ इस तरह की धमकियां नहीं देगा। इस तरह के बयान खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना हैं और यह उन अतिवादी तत्वों को दर्शाते हैं, जिनका प्रभाव यूनुस के नेतृत्व में बढ़ा है। कोई भी गंभीर नेता उस पड़ोसी को धमकी नहीं देगा, जिस पर बांग्लादेश व्यापार, पारगमन और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए निर्भर करता है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “यह बयानबाजी केवल वैचारिक कल्पनाओं की सेवा करती है, बांग्लादेश के राष्ट्रीय हितों की नहीं। भारत को इन बयानों को लेकर चिंता जताने का पूरा अधिकार है। ये आवाज़ें बांग्लादेशी जनता का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं, जो समझती है कि हमारी समृद्धि और सुरक्षा भारत के साथ मजबूत संबंधों पर निर्भर करती है। एक बार लोकतंत्र बहाल होने और जिम्मेदार शासन लौटने पर ऐसी लापरवाह बयानबाजी समाप्त हो जाएगी।”

Prev Article
महिलाएं और फ्रेशर्स बने 2025 में भारत की भर्ती रफ्तार की बड़ी ताकत
Next Article
नेशनल हेराल्ड मामलाः ईडी की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सोनिया-राहुल गांधी को नोटिस जारी किया

Articles you may like: