बेंगलुरुः कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चल रही चर्चाओं और कथित सत्ता संघर्ष को खारिज करते हुए कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच कोई टकराव नहीं है। दोनों नेता भाइयों की तरह मिलकर काम कर रहे हैं और नेतृत्व को लेकर जो भी फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा, वह सभी को स्वीकार होगा।
‘बड़े–छोटे भाई’ का रिश्ता, विवाद की कोई गुंजाइश नहीं
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की मौजूदगी में मीडिया से बातचीत करते हुए पायलट ने कहा, “जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुख्यमंत्री को अपना बड़ा भाई कहते हैं और मुख्यमंत्री कहते हैं कि शिवकुमार मेरा छोटा भाई है, तो वहीं पर सारी बातें खत्म हो जाती हैं।”
पायलट ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने दावा किया, “चुनाव से पहले पार्टी ने जो भी वादे किए थे, सरकार उन्हें पूरा कर रही है। हमारी सरकार मजबूत तरीके से काम कर रही है और मैं भरोसा दिलाता हूं कि 2028 में कांग्रेस भारी बहुमत से दोबारा सत्ता में आएगी।”
हाईकमान के फैसले को सभी करेंगे स्वीकार
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान द्वारा नेतृत्व विवाद को हल न करने से जुड़े सवाल पर पायलट ने स्पष्ट कहा कि पार्टी में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार शीर्ष नेतृत्व का है। उन्होंने कहा, “पार्टी जो भी फैसला लेगी, वह कर्नाटक के हर कांग्रेस कार्यकर्ता को स्वीकार होगा। हमारा लक्ष्य सिर्फ इतना है कि हम अपने वादों पर खरे उतरें और 2028 में दोबारा सरकार बनाएं।”
राजस्थान में अपने और तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच कथित सत्ता संघर्ष से तुलना किए जाने पर पायलट ने कहा, “बताइए, पार्टी का कौन सा नेता है-चाहे मुख्यमंत्री हो या प्रदेश अध्यक्ष-जिसने यह कहा हो कि वह हाईकमान का फैसला नहीं मानेगा? हर कोई पार्टी नेतृत्व के फैसले का पालन करेगा और हम सब मिलकर काम करेंगे।”
कांग्रेस को मजबूत करना साझा लक्ष्य
पायलट ने कहा कि कांग्रेस का सामूहिक उद्देश्य देशभर में पार्टी को मजबूत करना है, जिसमें कर्नाटक भी शामिल है। “हम सब मिलकर काम कर रहे हैं और आगे भी साथ मिलकर पार्टी को आगे बढ़ाएंगे,” उन्होंने कहा।
सचिन पायलट के बयान से यह साफ संकेत मिला है कि कांग्रेस नेतृत्व कर्नाटक में एकजुटता का संदेश देना चाहता है और किसी भी तरह की अंदरूनी खींचतान की अटकलों को विराम लगाना चाहता है।