रायपुर: माओवादी विरोधी अभियान में संयुक्त सुरक्षा बलों को एक बार फिर सफलता मिली है। ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर अभियान चलाकर सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार रविवार को यह अभियान छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मेनापुर थाना क्षेत्र के दायदापानी जंगल में चलाया गया। पुलिस को सूचना मिली थी कि ओडिशा सीमा से सटे इलाके में माओवादियों ने अपना ठिकाना बना रखा है, जिसके बाद वहां तलाशी अभियान शुरू किया गया।
इस अभियान के दौरान किसी भी माओवादी सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया जा सका लेकिन घने जंगलों वाले इलाके में माओवादियों के ठिकाने के स्पष्ट सबूत मिले हैं। वहां माओवादियों का एक कैंप था, जहां हथियार, विस्फोटक और अन्य सामग्री छिपाकर रखी गई थी। तलाशी के दौरान मोर्टार लॉन्चर समेत कई अन्य संदिग्ध वस्तुएं भी बरामद की गई हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अगले वर्ष मार्च तक देश से माओवादियों के सफाए का लक्ष्य तय किया है। इसी उद्देश्य से छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड सहित अन्य राज्यों में माओवादी विरोधी अभियानों को तेज किया गया है। लगातार हो रही कार्रवाई के चलते माओवादी पीछे हट रहे हैं। कई माओवादी सदस्यों ने आत्मसमर्पण किया है और आत्मसमर्पण के दौरान अपने हथियार भी जमा किए हैं। इसके अलावा सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों में माओवादियों के कुछ शीर्ष नेताओं के मारे जाने की भी खबर है।
पुलिस का दावा है कि लगातार अभियानों के कारण इस इलाके में माओवादियों की गतिविधियों को बड़ा झटका लगा है। क्षेत्र में धीरे-धीरे शांति लौट रही है और विकास कार्य भी शुरू हो गए हैं। इससे पहले 7 दिसंबर को भी ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर सुरक्षा बलों ने एक अभियान चलाकर माओवादियों के ठिकाने को ध्वस्त किया था। दोनों राज्यों की सीमा पर नारायणपुर के सोनपुर–कोहका मेटा जंगल में हुए उस अभियान में भी बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए थे।