ढाका : बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की जिसमें बांग्लादेश में दो राष्ट्रीय दैनिकों और दो सांस्कृतिक संगठनों के कार्यालयों पर हालिया हमलों के सिलसिले में 31 व्यक्तियों की पहचान करने की बात कही गयी है। बैठक में देश की समग्र कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। उन्हें बताया गया कि ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में अभियान चलाए गए हैं, जिनके तहत दैनिकों और सांस्कृतिक संगठनों पर हमलों के संबंध में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वीडियो फुटेज के आधार पर चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास के पास अव्यवस्था फैलाने की कोशिश करने वाले तीन व्यक्तियों की पहचान की गई है।
गिरफ्तार किए गए लोगों में एमडी. काशेम फारुकी, एमडी. सईदुर रहमान, रकीब हुसैन, एमडी. नईम, एमडी. सोहेल राणा और एमडी. शफीकुल इस्लाम शामिल हैं। बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार द्वारा X पर की गई एक पोस्ट के अनुसार, “पुलिस की ओर से मुख्य सलाहकार को बताया गया कि वीडियो फुटेज के आधार पर दो राष्ट्रीय दैनिकों और दो सांस्कृतिक संगठनों के कार्यालयों पर हालिया हमलों के सिलसिले में 31 व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है।”
यह बैठक रविवार को यूनुस के नेतृत्व में स्टेट गेस्ट हाउस ‘जमुना’ में आयोजित की गई। बैठक में गृह सलाहकार एमडी. जहांगीर आलम चौधरी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. खलीलुर रहमान सहित विभिन्न सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई, जिनमें बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान की देश वापसी, आगामी क्रिसमस और अंग्रेज़ी नववर्ष समारोहों के लिए किए गए सुरक्षा प्रबंध शामिल थे।
इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी और जांच की प्रगति पर भी चर्चा हुई। बैठक में मुख्य सलाहकार ने कहा कि आगामी राष्ट्रीय चुनावों से पहले किसी भी कीमत पर कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य रखी जानी चाहिए।
मोहम्मद यूनुस ने इससे पहले मीडिया संस्थानों पर हुई हिंसा की निंदा की थी और पत्रकारों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था। उन्होंने एक बयान में कहा, “द डेली स्टार, प्रथम आलो और न्यू एज के पत्रकारों से—हम आपके साथ खड़े हैं। आपने जिस आतंक और हिंसा को झेला है, उसके लिए हमें गहरा खेद है। आतंक के सामने आपके साहस और संयम को पूरे देश ने देखा है। पत्रकारों पर हमले सच पर हमले हैं। हम आपको पूर्ण न्याय का आश्वासन देते हैं।”