टोक्यो: साल 2022 में पूर्व जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति ने मंगलवार को दोष स्वीकार कर लिया। मामले की सुनवाई तीन साल लंबी प्रतीक्षा के बाद शुरू हुई। क्योदो न्यूज़ ने बताया कि 45 वर्षीय अभियुक्त तत्सुया यामागामी ने स्वीकार किया कि उसने नारा शहर में एक चुनावी भाषण के दौरान स्वनिर्मित बंदूक का उपयोग करके आबे की हत्या की थी। आबे जापान के सबसे लंबे समय तक पद संभालने वाले प्रधानमंत्री थे।
नारा जिला न्यायालय ने कहा कि दिसंबर तक कई सुनवाइयां होंगी और अंतिम निर्णय 21 जनवरी को सुनाया जाएगा। क्योदो न्यूज़ के अनुसार, यामागामी ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने यह हमला यूनिफिकेशन चर्च के प्रति गहरी नाराज़गी के कारण किया, जिसे वह अपने परिवार की आर्थिक बर्बादी के लिए ज़िम्मेदार मानता था। रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी मां ने इस धार्मिक संगठन को लगभग 10 करोड़ येन (लगभग 6.5 लाख अमेरिकी डॉलर) दान किए थे, जिससे परिवार भारी कर्ज में डूब गया। जांच सूत्रों के मुताबिक, यामागामी ने आबे को इसलिए निशाना बनाया क्योंकि आबे के दादा नोबुसुके किशी ने 1954 में दक्षिण कोरिया में स्थापित इस चर्च को जापान में लाने में भूमिका निभाई थी। इस मुकदमे ने पूरे जापान का ध्यान अपनी ओर खींचा। क्योदो न्यूज़ ने बताया कि मंगलवार सुबह 727 लोग अदालत के बाहर कतार में खड़े थे ताकि वे लॉटरी प्रणाली के ज़रिए उपलब्ध 32 सार्वजनिक सीटों में से एक हासिल कर सकें।
अदालती दस्तावेज़ों में खुलासा हुआ कि गोलीबारी से पहले यामागामी ने अपनी स्वनिर्मित बंदूकों की कई बार परीक्षण फायरिंग की थी, जिनमें से कुछ यूनिफिकेशन चर्च से जुड़ी एक सुविधा के पास की गई थीं। बाद में उस पर केवल हत्या का ही नहीं, बल्कि संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, हथियारों और विस्फोटकों के नियंत्रण कानूनों तथा हथियार निर्माण से संबंधित नियमों के उल्लंघन के आरोप भी लगाए गए। न्यायालय ने पुष्टि की कि आरोप तय होने से पहले यामागामी का छह महीने तक मानसिक परीक्षण हुआ, जिसमें उसे मुकदमे का सामना करने के लिए मानसिक रूप से सक्षम पाया गया। मुकदमे में जिन गवाहों को बुलाया जाएगा, उनमें यामागामी की मां, एक धर्म विशेषज्ञ और वह सांसद शामिल हैं, जो घटना के समय मौके पर मौजूद थे।
8 जुलाई 2022 को चुनावी भाषण के दौरान हुई आबे की हत्या ने पूरे जापान को झकझोर दिया था और यूनिफिकेशन चर्च तथा राजनेताओं, खासकर आबे की पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के बीच संबंधों पर गहन जांच शुरू हो गई थी। यह गोलीबारी नारा प्रीफेक्चर में हुई थी। आबे की शिष्या साने ताकाइची इसी निर्वाचन क्षेत्र है, जो इस महीने की शुरुआत में जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।