थिम्फू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भूटान में जारी वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव के दौरान ‘कालचक्र सशक्तीकरण’ समारोह का उद्घाटन किया। मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि भूटान के राजा जिग्मे खेसर नमग्येल वांगचुक और चौथे द्रुक ग्यालपो के साथ कालचक्र ‘व्हील ऑफ टाइम’ सशक्तीकरण का उद्घाटन करने का सम्मान मिला। यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसका दुनिया भर के बौद्धों के लिए महान सांस्कृतिक महत्व है। कालचक्र सशक्तीकरण, जारी वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव का हिस्सा है, जिसने भूटान में बौद्ध धर्म के भक्तों और विद्वानों को एकत्रित किया है।
भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबगाय ने मोदी को निपुण आध्यात्मिक गुरु कहते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि प्रधानमंत्री ने आज से शुरू हुए इस पवित्र कालचक्र सशक्तीकरण का उद्घाटन और आशीर्वाद दिया, जो जारी वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव का हिस्सा है। मोदी और भूटान के नरेश ने संयुक्त रूप से 1020 मेगावाट क्षमता वाली पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना भारत और भूटान के बीच एक प्रमुख सहयोग और दोनों देशों के बीच बढ़ती ऊर्जा साझेदारी को उजागर करती है।
दिन की शुरुआत में मोदी ने भूटान के पूर्व राजा जिग्मे सिंगये वांगचुक से मुलाकात की। बैठक के दौरान दोनों ने ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी में सहयोग पर चर्चा की। दो दिवसीय दौरे पर हिमालयी देश गये मोदी स्वदेश लौट आये हैं। मंगलवार को उन्होंने चांग्लिमेथांग स्टेडियम में भूटान के चौथे राजा ड्रुक ग्यालपो जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती समारोह में संबोधन किया। मोदी ने कहा कि भारत और भूटान ने सदियों से गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध साझा किया है।