भारतीय कंपनी पर ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े होने का आरोप, अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया

अमेरिकी वित्त विभाग ने भारत स्थित कंपनी फार्मलेन प्राइवेट लिमिटेड को संयुक्त अरब अमीरात स्थित एक कंपनी मार्को क्लिंगे से जोड़ा है, जिस पर सोडियम क्लोरेट और सोडियम पर्क्लोरेट जैसे रसायनों की खरीद में सहायता करने का आरोप है।

By डॉ. अभिज्ञात

Nov 13, 2025 14:08 IST

वॉशिंगटनः अमेरिका ने बुधवार को भारत और चीन सहित कई देशों के 32 संगठनों और व्यक्तियों पर ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े होने के आरोप में प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि यह कार्रवाई राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रयास के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य ईरान द्वारा मिसाइलों और अन्य असंतुलित व पारंपरिक हथियारों के आक्रामक विकास का मुकाबला करना है।

अमेरिका ने कहा कि हम ईरान, चीन, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्किये, भारत और अन्य क्षेत्रों में स्थित 32 संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, जो ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) निर्माण को समर्थन देने वाले कई आपूर्ति नेटवर्क संचालित करते हैं। विदेश विभाग ने कहा कि यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र के उन प्रतिबंधों और प्रतिबंधात्मक उपायों के पुनः लागू किए जाने का समर्थन करती है, जो सितंबर में ईरान द्वारा अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं का गंभीर उल्लंघन करने के जवाब में लागू किए गए थे।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अमेरिकी वित्त मंत्रालय के आतंकवाद और वित्तीय खुफिया विभाग के अवर सचिव जॉन के. हरली ने कहा कि ईरान दुनिया भर की वित्तीय प्रणालियों का दुरुपयोग करता है ताकि धन शोधन कर सके और अपने परमाणु एवं पारंपरिक हथियार कार्यक्रमों के लिए पुर्जे हासिल कर सके। राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर हम ईरान पर अधिकतम दबाव बना रहे हैं ताकि वह अपने परमाणु खतरे को समाप्त करे। अमेरिका अपेक्षा करता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी संयुक्त राष्ट्र के स्नैपबैक प्रतिबंधों को पूरी तरह लागू करे ताकि ईरान की वैश्विक वित्तीय प्रणाली तक पहुंच बंद की जा सके।

अमेरिकी वित्त विभाग ने भारत स्थित कंपनी फार्मलेन प्राइवेट लिमिटेड को संयुक्त अरब अमीरात स्थित एक कंपनी मार्को क्लिंगे से जोड़ा है, जिस पर सोडियम क्लोरेट और सोडियम पर्क्लोरेट जैसे रसायनों की खरीद में सहायता करने का आरोप है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि अमेरिका सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग जारी रखेगा, जिनमें तीसरे देशों में स्थित संस्थाओं पर प्रतिबंध भी शामिल हैं ताकि ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और यूएवी कार्यक्रमों के लिए उपकरणों और सामग्रियों की खरीद की गतिविधियों को उजागर, बाधित और निष्क्रिय किया जा सके क्योंकि ये क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं।

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