जेनेवाः संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद में भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। बुधवार को जेनेवा में 60वें सत्र की 34वीं बैठक में भारत ने सीधे पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस देश के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का लंबा इतिहास है, उस देश को दूसरों को मानवाधिकारों पर उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है।
भारतीय राजनयिक मोहम्मद हुसैन ने जेनेवा में कहा, 'पाकिस्तान जैसा देश दूसरों को मानवाधिकारों पर भाषण देना चाहता है। लेकिन पाकिस्तान को झूठा प्रचार फैलाने के बजाय अपने देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को रोकना चाहिए।'
उल्लेखनीय है कि जब इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर बार-बार भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है, तब भारत ने पलटवार करते हुए पाकिस्तान की विफलताओं को उजागर कर दिया।
बैठक में उपस्थित अन्य प्रतिभागियों ने भी बुधवार को अपनी टिप्पणियों में पाकिस्तान के मानवाधिकार उल्लंघनों का मुद्दा उठाया। भू-राजनीतिक शोधकर्ता जोश बोयेस ने बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाते हुए भारत की आलोचना को दोहराते हुए कहा, 'इस्लामाबाद विदेश में नैतिकता का दिखावा करता है लेकिन अपने देश में सबसे कमजोर समुदाय का नियमित रूप से दमन करता रहता है।'
उन्होंने बताया कि चालू वर्ष में यूएससीआईआरएफ (USCIRF) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 700 से अधिक लोग ईश-निंदा के आरोप में जेल में हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 300 प्रतिशत की वृद्धि है। जोश बोयेस के अनुसार, 'बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार शाखा पांक (Paank) के अनुसार, चालू वर्ष के पहले छह महीनों में ही 785 जबरन गायब होने और 121 हत्याओं की घटनाएं दर्ज की गई हैं।'
यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी के प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने पाक अधिकृत जम्मू और कश्मीर (PoJK) में पाकिस्तान के बढ़ते दमन-उत्पीड़न के खिलाफ हस्तक्षेप करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया है।