इस्लामाबादःपाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आंदोलन ने तेजी पकड़ ली है। पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। दो सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं। तीन पुलिस कर्मी भी मारे गए हैं। लगभग 170 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनमें से 10 की स्थिति गंभीर है। उन्हें इस्लामाबाद और मुजफ्फराबाद एयरलिफ्ट करके ले जाया गया है। सरकारी उपेक्षा के खिलाफ PoK में विद्रोह की आ सुलग रही है। आम नागरिकों की मांगों को पूरा करने में असमर्थ पाक सरकार के खिलाफ विरोध का स्वर तेजतर होता जा रहा है।
गुरुवार को PoK में प्रदर्शन का चौथा दिन था। बुधवार को रात भर वहां के आम लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के निवासियों का आरोप है कि मौलिक अधिकारों से वंचित हैं। आवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विभिन्न शहरों में उन्होंने रैलियां निकाली हैं। इसी बीच पिछले सोमवार को PoK में 'शटर डाउन' और 'चक्का जाम' का आह्वान किया गया था। इस आह्वान से शरीफ सरकार थर्राई उठी थी। इसके बाद ही पाकिस्तान के कश्मीर के निवासियों पर पाक सेना की गोलीबारी शुरू हुई।
PoK के निवासियों का दावा है कि यहां नियमित अशांति के कारण सामान्य जनजीवन बार-बार बाधित हो रहा है। यहां के लोगों को सरकार न्यूनतम अधिकार भी नहीं देती। PoK के स्थानीय नेताओं का दावा है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना नियमित रूप से उनके हर क्षेत्र में हस्तक्षेप करती है।
आवामी एक्शन कमेटी ने बताया कि पाकिस्तानी सेना कश्मीर के लोगों पर गोलीबारी करके उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि शरीफ की सेना को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।