रावलपिंडीः पाकिस्तान के रावलपिंडी में एक आतंकवाद-निरोधी अदालत (एटीसी) ने एक बार फिर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान की बहन अलीमा खान के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह लगातार आठवीं बार है जब उनकी अदालत में अनुपस्थिति के कारण ऐसा आदेश जारी किया गया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार मामला पंजाब प्रांत के सादिकाबाद थाने में दर्ज है, जिसमें अलीमा पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने, नारेबाजी करने, तोड़फोड़ और पथराव के आरोप लगाए गए हैं। एटीसी के जज अमजद अली शाह ने कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन और इस्लामाबाद के आयुक्त मुहम्मद अली रंधावा को अलीमा खान की संपत्तियों का विवरण पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने पाकिस्तान की प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग की अध्यक्ष अकीफ सईद को भी आदेश दिया है कि वे अलीमा खान के नाम पर दर्ज किसी भी कंपनी या शेयर का रिकॉर्ड उपलब्ध कराएं।
अलीमा के लगातार अदालत में पेश न होने के चलते एटीसी ने इससे पहले राष्ट्रीय डाटाबेस एवं पंजीकरण प्राधिकरण को उनका कंप्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र ब्लॉक करने, पासपोर्ट महानिदेशक को उनका पासपोर्ट निरस्त करने और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को उनके सभी बैंक खातों को फ्रीज़ करने का निर्देश दिया था। अदालत में प्रस्तुत एक रिपोर्ट के अनुसार अलीमा खान के 12 बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया गया है, जिनमें बैंक अल्फलाह और एमसीबी बैंक के खाते शामिल हैं। इनमें से एक एमसीबी खाते में 12.4 करोड़ पाकिस्तानी रुपये पाए गए। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि अलीमा खान जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया से बच रही हैं, जिससे अदालत गवाहों के बयान दर्ज नहीं कर पा रही है।
अलीमा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट पहले भी 14 अक्टूबर, 20 अक्टूबर और 22 अक्टूबर को जारी किए गए थे, क्योंकि वह कार्यवाही में शामिल नहीं हुईं। अदालत ने उनके वकील की व्यक्तिगत पेशी से छूट की अर्जी को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उन्हें इस मामले में औपचारिक रूप से आरोपित किया जाना था। अलीमा खान को 18 सितम्बर को 26 नवम्बर 2023 के डी-चौक प्रदर्शन मामले में अंतरिम जमानत दी गई थी। अदालत ने उन्हें 50,000 पाकिस्तानी रुपये के जमानती बांड जमा कराने और सभी सुनवाइयों में उपस्थित रहने का आदेश दिया था। 26 नवम्बर 2023 का डी-चौक प्रदर्शन इमरान खान की 'अंतिम पुकार' के बाद आयोजित किया गया था, जिसमें पीटीआई के चुनावी जनादेश की बहाली और गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग की गई थी। यह प्रदर्शन पुलिस कार्रवाई के बाद समाप्त हुआ था। एटीसी ने सुनवाई 10 नवम्बर तक स्थगित कर दी है और अलीमा खान के जमानती गारंटर को भी नोटिस जारी करते हुए उनके बांड रद्द कर दिए हैं।