एई समय, काठमांडूः नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए जनआंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है। विभिन्न हिस्सों में हुए प्रदर्शन के दौरान अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 600 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी व विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा भी शामिल हैं।
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, संसद भवन के बाहर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुए टकराव में 19 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकतर युवा प्रदर्शनकारी थे। काठमांडू के कोटेश्वर क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों की भीड़ के हमले में तीन पुलिसकर्मी मारे गए, जबकि कालीमाटी थाना क्षेत्र में पुलिस और प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत में तीन और लोगों की मौत हुई। गृह मंत्रालय के अनुसार, देशभर में हिंसक प्रदर्शनों के चलते अब तक कुल 633 लोग घायल हुए हैं।
इस बीच, नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा तथा उनकी पत्नी पर प्रदर्शनकारियों ने उनके बुद्धनीलकंठ स्थित निवास पर हमला कर दिया। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नेपाल की सेना ने देशभर में कर्फ्यू और प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए हैं। यह निर्णय प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के एक दिन बाद लिया गया है। ओली के इस्तीफे के बावजूद देश में राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है और विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
सरकार ने राहत कार्यों और आपात परिचालन को ध्यान में रखते हुए सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन की अनुमति दे दी है। नेपाल में उत्पन्न हालात को देखते हुए स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और सरकार जल्द हालात सामान्य होने की उम्मीद जता रही है। बढ़ते तनाव के बीच नेपाल में मौजूद कई भारतीय नागरिक भी फंस गए हैं। भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।