कौन हैं जेन ज़ी, जिन्होंने नेपाल में कर डाला तख्तापलट? क्यों कहलाती हैं 'डिजिटल जेनरेशन'?

नेपाल में चल रहे प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे युवाओं, जिन्होंने नेपाल में सरकार का तख्तापलट ही कर डाला है, के लिए जेन ज़ी शब्द का बड़ा ही इस्तेमाल किया जा रहा है। पर आखिर जेन ज़ी हैं कौन? क्यों इन्हें 'डिजिटल जेनरेशन' कहा जाता है?

By Moumita Bhattacharya

Sep 22, 2025 15:47 IST

नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ राजधानी काठमांडू में हजारों युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जिन युवाओं ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया उन्हें जेन ज़ी (Gen Z) कहा जा रहा है। नेपाल में चल रहे प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे युवाओं, जिन्होंने नेपाल में सरकार का तख्तापलट ही कर डाला है, के लिए जेन ज़ी शब्द का बड़ा ही इस्तेमाल किया जा रहा है। पर आखिर जेन ज़ी हैं कौन? क्यों इन्हें 'डिजिटल जेनरेशन' कहा जाता है?

प्रदर्शन, आगजनी, संसद भवन में प्रवेश कर उसे आग के हवाले कर देना, मंत्रिमंडल के मंत्रियों को पिटना आदि कई तरह की घटनाओं की नेपाल से आ रही तस्वीरें सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रही हैं। (हालांकि इन तस्वीरों की सत्यता की जांच एई समय समाचार ने नहीं की है।)

आइए जेन ज़ी के बारे में विस्तार से समझने का प्रयास करते हैं -

जेन शब्द को जेनरेशन या पीढ़ी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। किसी खास समयावधि में जिन बच्चों का जन्म होता है, उन्हें उस समयावधि के आधार पर अलग-अलग शब्दों से पुकारा जाता है। जैसे - जेन ज़ी, जेन अल्फा, मिलेनियल्स आदि। नेपाल में जो युवा तख्तापलट व प्रदर्शन-आंदोलन आदि कर रहे हैं, उन्हें जेन ज़ी कहा जा रहा है।

वैसे युवा जिनका जन्म वर्ष 1997 से 2012 के बीच होता है, उन्हें जेन ज़ी कहा जाता है। एक अध्ययन में यह बात साफ हुई है कि दुनिया भर में कार्यरत युवा पीढ़ी के कर्मचारियों में से करीब 30 प्रतिशत कर्मी इसी पीढ़ी से आते हैं।

क्यों कहलाती है 'डिजिटल जेनरेशन'?

इस सवाल का जवाब बड़ा ही सरल है। एआई (AI) और सोशल मीडिया के जमाने में कहा जा सकता है कि जेन ज़ी का जीवन पूरी तरह से इंटरनेट पर ही निर्भर करती है। अपनी दिनचर्या से लेकर कामकाज, कहीं अटक जाने पर मदद, रास्ता पूछने के लिए मैप, प्रेजेंटेशन बनाने और स्पीच लिखने के लिए Chat GPT की मदद लेना आदि इनके लिए बाएं हाथ का खेल है।

लैपटॉप या डेस्कटॉप के बजाए, इस पीढ़ी के युवा मोबाइल और टैब पर भरोसा करना ज्यादा पसंद करते हैं। दिन भर के 24 घंटों में से अगर 7-8 घंटों को हटा दिया जाए तो पूरे दिन इन्हें ऑनलाइन ही देखा जा सकता है। इस पीढ़ी के युवा तकनीकों के साथ-साथ विभिन्न ऐप्स और ट्रेंड्स आदि को बड़ी ही तेजी से अपना लेते हैं।

कौन सी पीढ़ी कब आई?

1901 से 1927 - ग्रेटेस्ट जेनरेशन

1928 से 1945 - साइलेंट जेनरेशन

1946 से 1964 - बेबी बूमर्स

1965 से 1980 - जेनरेशन एक्स

1981 से 1996 - जेनरेशन वाई या मिलेनियल्स

1997 से 2012 - जेन ज़ी

2013 से 2024 - जेन अल्फा

2025 से आगे - जेन बीटा

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