काठमांडूः नेपाल की दस वामपंथी पार्टियों ने एकजुट होकर 'नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी' नाम से नया दल बनाया है। सितंबर में हुए जेन-ज़ी आंदोलन और अगले वर्ष मार्च में होने वाले आम चुनावों की घोषणा के बाद यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। इस नई पार्टी में सीपीएन (माओवादी सेंटर) और सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) सहित आठ अन्य दल शामिल हैं। इन दोनों प्रमुख दलों के नेता पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और माधव कुमार नेपाल अब एक मंच पर आ गए हैं।
जानें पार्टी के बारे में सबकुछः काठमांडू में हुए एकता घोषणा सम्मेलन की शुरुआत प्रचंड और माधव कुमार नेपाल ने संयुक्त रूप से रिमोट बटन दबाकर की। शाम को हुई बैठक में नौ-सूत्रीय समझौते को औपचारिक रूप से पारित किया गया। नयी पार्टी में प्रचंड को संयोजक और माधव कुमार नेपाल को सह-संयोजक चुना गया। वरिष्ठ नेता झलनाथ खनाल को तीसरे क्रम का स्थान दिया गया है। सभी विलयित दलों के नेता और सदस्य अब 'नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी' के सदस्य माने जाएंगे। पार्टी का चुनाव चिन्ह पाँच-नुकीला तारा होगा। पार्टी की विचारधारा मार्क्सवाद–लेनिनवाद पर आधारित रहेगी। छह महीने के भीतर राष्ट्रीय एकता सम्मेलन बुलाया जाएगा और संयुक्त केंद्रीय समिति आपसी सहमति से गठित होगी।
किन दलों का विलय, कौन रहे अलगः इस एकीकरण में शामिल दल हैं-सीपीएन (माओवादी सेंटर), सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट), नेपाल सोशलिस्ट पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी नेपाल, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी, सीपीएन (सोशलिस्ट), सीपीएन (माओवादी सोशलिस्ट), सीपीएन (कम्युनिस्ट), माओवादी कम्युनिस्ट केंद्र, और देशभक्त समाजवादी मोर्चा। माओवादी सेंटर के जनार्दन शर्मा और राम कार्की, तथा यूनिफाइड सोशलिस्ट के घनश्याम भुसाल और राम कुमारी झाँक्री जैसे नेताओं ने इस एकता से दूरी बना ली है।
पिछला घटनाक्रमः जेन-ज़ी आंदोलन व ओली सरकार का पतनः सितंबर 8-9 को हुए जेन-ज़ी आंदोलन में कम से कम 72 लोगों की मौत हुई थी। इस हिंसक आंदोलन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद से हटा दिया गया। इसके बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया, जिन्हें संसद भंग कर 5 मार्च 2026 को चुनाव कराने का अधिकार दिया गया।