क्या बलूचिस्तान में बार-बार भूकंप का कारण पाकिस्तान का न्यूक्लियर टेस्ट?

By स्नेहांशु अधिकारी, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Nov 05, 2025 19:33 IST

इस्लामाबादः पाकिस्तान गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ऐसा धमाकेदार दावा करते सुना गया। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, इसी आरोप में चीन को भी ट्रम्प ने कटघरे में खड़ा किया। बीजिंग ने इन आरोपों को खारिज किया और अब तक इस्लामाबाद ने भी आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अमेरिकी मीडिया के सवालों का सामना करते हुए पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी को कहते सुना गया, कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण नहीं कर रहा। इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय कानून को तोड़कर कोई काम नहीं करता। फिर भी पाकिस्तान के भीतर से सवाल उठ रहा है कि बलूचिस्तान में जो बार-बार इतना भूकंप आ रहा है, क्या उसका कारण ज़मीन के भीतर परमाणु हथियारों का परीक्षण तो नहीं है?

यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद इस संकेत को दिया था। क्यों अमेरिका 33 साल की रोक के बाद फिर से परमाणु परीक्षण करना चाहता है, इसका जवाब देते हुए ट्रम्प ने हाल ही में कहा कि पाकिस्तान, चीन समेत चार देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, लेकिन वे इसे नहीं बता रहे। सभी इसे जमीन के अंदर कर रहे हैं। इसलिए सामान्य लोग हल्के कंपन के अलावा कुछ महसूस नहीं कर पा रहे। यही वजह है कि पाकिस्तान मौखिक रूप से न्यूक्लियर टेस्ट से इंकार कर रहा है, लेकिन कई लोग इसे मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उनके अनुसार पाकिस्तान के कथन और उसके काम में कोई मेल नहीं है। इस्लामाबाद पर विश्वास करने का कोई मतलब नहीं है। ट्रम्प के इस दावे के कारण बलूचिस्तान फिर से चर्चा के केंद्र में है। वहीं पाकिस्तान ने आखिरी बार न्यूक्लियर टेस्ट किया था। कम से कम रिपोर्ट्स तो ऐसा ही बताती हैं।

और संयोग से यही बलूचिस्तान हर साल औसतन लगभग 29 बार भूकंप झेलता है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस लगातार होने वाले भूकंपों और परमाणु हथियार परीक्षण के बीच कोई संबंध है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि परमाणु परीक्षण और भूकंप का कोई सीधा संबंध है या नहीं। इस विषय पर कई शोध हो चुके हैं और जारी हैं। अमेरिका के लॉस एंजेलिस नेशनल लेबोरेटरी के हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि ऐसा संभव है। केवल मौखिक अवलोकन ही नहीं, बल्कि सिग्नल डिटेक्टर उपकरण से इसे प्रमाणित भी किया गया है। यह रिपोर्ट पहले ही बुलेटिन ऑफ द सिस्मोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका में प्रकाशित हो चुकी है।

जानकार लोगों का कहना है कि इस साल जब भारत और पाकिस्तान के बीच तीव्र संघर्ष चल रहा था, उसी दौरान यानी अप्रैल-मई में संभव है कि पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किया हो। उस समय पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर लगातार कई बार ज़मीन हिली, जिसे अब तक भूकंप माना जाता रहा। क्या यह वास्तव में न्यूक्लियर टेस्ट का परिणाम था? इस पर अब नए सवाल उठ रहे हैं। 30 अप्रैल से 12 मई के बीच पाक-अफ़ग़ान सीमा पर कम से कम चार बार भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 4.0 से 4.7 तक थी।

संदर्भ के लिए, 9 अक्टूबर 2006 को उत्तर कोरिया ने पहली बार जब परमाणु हथियार का परीक्षण किया, उस समय के कंपन को सामान्य भूकंप समझकर सभी ने गलती की। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 थी। बाद में प्योंगयांग ने खुद न्यूक्लियर टेस्ट की घोषणा की, तब असली घटना का पता चला। पाकिस्तान में भी क्या ऐसा कुछ हो रहा है-यह निश्चित रूप से कहना मुश्किल है क्योंकि भूगर्भीय कारणों से पाकिस्तान का भी एक बड़ा हिस्सा भूकंप-प्रवण है, जैसे अफ़ग़ानिस्तान। इसके पीछे भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट की भूमिका भी है। फिर भी कई लोगों का कहना है कि पाकिस्तान पर विश्वास करना मुश्किल है।

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