क्यों गणित में नहीं दिया जाता नोबेल पुरस्कार? क्या सर अल्फ्रेड का 'त्रिकोणीय प्रेम' है वजह?

यह दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है। हैरानी की बात है कि इस पुरस्कार सूची में गणित शामिल नहीं है क्योंकि सर अल्फ्रेड की वसीयत में गणित का उल्लेख ही नहीं था।

By अमर्त्य लाहिड़ी, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Oct 14, 2025 20:05 IST

स्टॉकहोमः सोमवार को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा के साथ ही 2025 के नोबेल विजेताओं की घोषणा प्रक्रिया पूरी हुई। इसकी शुरुआत चिकित्सा विज्ञान से हुई थी। इसके बाद क्रमशः भौतिकी, रसायन, साहित्य और शांति पुरस्कारों की घोषणा की गई। लेकिन गणित में नोबेल नहीं दिया जाता। यह विचारणीय है कि इतने महत्वपूर्ण विषय को उन्होंने नजरअंदाज क्यों किया?

सर अल्फ्रेड की वसीयत में गणित का उल्लेख नहींः डायनामाइट के आविष्कारक सर अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार ये पुरस्कार दिए जाते हैं। यह दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है। हैरानी की बात है कि इस पुरस्कार सूची में गणित शामिल नहीं है क्योंकि सर अल्फ्रेड की वसीयत में गणित का उल्लेख ही नहीं था।

गणित की राह में प्रेम बनारोड़ा?: एक लोकप्रिय धारणा है कि सर अल्फ्रेड नोबेल और उनके समकालीन किसी गणितज्ञ के बीच व्यक्तिगत दुश्मनी या ईर्ष्या थी। कुछ लोग तो यह भी दावा करते हैं कि एक महिला के साथ सर नोबेल और उस गणितज्ञ के बीच त्रिकोणीय प्रेम संबंध था। इसी गुस्से में नोबेल ने किसी गणितज्ञ को पुरस्कार न देने का फैसला किया।

क्या नोबेल के मानदंडों से मेल नहीं खाता गणित?: इतिहासकार इस सिद्धांत को बेबुनियाद मानते हैं। उनके अनुसार, इन कहानियों का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। इतिहासकारों का मानना है कि नोबेल पुरस्कार शुरू करने के पीछे सर अल्फ्रेड का उद्देश्य ऐसे वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों को सम्मानित करना था, जिनका तत्काल और व्यावहारिक उपयोग मानवता के लिए हो। यानी जो लोगों के दैनिक जीवन को सीधे प्रभावित करे। उस समय गणित को 'अपेक्षाकृत अमूर्त और सैद्धांतिक' विषय माना जाता था। अर्थात यह सर अल्फ्रेड के मापदंडों के अनुकूल नहीं था।

इतिहासकारों की रायः नोबेल पुरस्कार शुरू होने से पहले ही स्वीडिश गणितज्ञ गॉस्ता मिट्टाग-लेफ़लर जैसे लोग गणित में अलग पुरस्कार शुरू कर चुके थे। कई लोग मानते हैं कि इसी वजह से सर अल्फ्रेड ने इसे नोबेल की सूची में शामिल करने की आवश्यकता महसूस नहीं की।

फिर भी गणितज्ञ जीतते हैं नोबेलः भले गणित में सीधे नोबेल नहीं है, फिर भी गणित के अनुप्रयोग और विश्लेषण को भौतिकी, रसायन या अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कारों में महत्व दिया गया है। इन क्षेत्रों में कई बार गणितज्ञों को ही सम्मानित किया गया है। उदाहरण के लिए जॉन नैश। 'अ ब्यूटीफुल माइंड' फिल्म के कारण उन्हें कई लोग जानते हैं। उनके 'गेम थ्योरी' पर काम को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिला था।

'फील्ड्स' और 'एबेल'- गणित के नोबेलः गणित में असाधारण उपलब्धियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो बड़े पुरस्कार मौजूद हैं: फील्ड्स मेडल और एबेल पुरस्कार। फील्ड्स मेडल हर चार साल में 40 वर्ष से कम उम्र के गणितज्ञों को दिया जाता है, जबकि गणित में जीवन भर के योगदान के लिए एबेल पुरस्कार दिया जाता है। इन दोनों पुरस्कारों को आज 'गणित के नोबेल' के रूप में ही देखा जाता है।

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