जलकर राख हो गया इटली का 400 साल पुराना मठ, 21 ननों ने भागकर जान बचायी

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एम्ब्रोज़ियन ननों के किसी एक कमरे में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी और बहुत ही जल्द यह पूरे मठ में फैल गई।

By एलिना दत्त, Posed by डॉ.अभिज्ञात

Oct 14, 2025 12:26 IST

मिलानः400 वर्षों पुराना मठ एक पल में जलकर राख हो गया। सूत्रों के अनुसार शनिवार रात उत्तरी इटली के मिलान के पास ला वैलेटा ब्रायांज़ा स्थित ऐतिहासिक बारनागा मठ में भीषण आग लग गई। इस भयानक आग में पूरा मठ जलकर खाक हो गया। परंपरागत इस मठ की जगह अब सिर्फ जले हुए अवशेष बचे हैं। आग की लपटों से घिरे मठ से 21 ननों ने किसी तरह भागकर जान बचाई।

17वीं सदी में निर्मित यह इटली का मठ कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। 1628 में स्थापित इस मठ का कैथोलिक चर्च के मिलेनियल संत कार्लो अकुटिस के धार्मिक जीवन से गहरा संबंध रहा है। क्षेत्रीय काउंसलर मास्सिमो सेर्तोरी की फेसबुक पोस्ट के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एम्ब्रोज़ियन ननों के किसी एक कमरे में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी और बहुत ही जल्द यह पूरे मठ में फैल गई।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा गया कि मठ धू-धू कर जल रहा था। आग की ऊंची लपटें काफी ऊपर तक उठ रही हैं। दमकलकर्मियों की कड़ी मेहनत के बाद आग पर जब तक काबू पाया जाता तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका था। लेको, मोंज़ा ब्रायांज़ा और कोमो से दमकल की नौ टीमें युद्धस्तर पर आग बुझाने में जुटीं।

इस मठ में अनेक प्राचीन धार्मिक वस्तुएं और एंटीक चित्र रखे गए थे। आशंका है कि इनका भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि आग उस हिस्से तक भी पहुंच गई जहां ये कीमती वस्तुएं रखी गई थीं।

गौरतलब है कि 7 सितंबर 2025 को पोप लियो चौदहवें ने अकुटिस को संत की उपाधि दी। मिलेनियल संत कार्लो अकुटिस ने अपनी प्रथम कम्यूनियन इसी मठ में प्राप्त की थी। कैथोलिक चर्च में बच्चों के लिए यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक प्रक्रिया होती है, जो सामान्यतः 7 से 11 वर्ष की उम्र के बीच होती है।

दूसरी ओर आग से जान बचाने में सफल होने के बावजूद 2 नन गंभीर रूप से घायल हुई हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। बाकी 19 ननों को अस्थायी रूप से पोंटे लाम्ब्रो के एक धार्मिक संस्थान में स्थानांतरित किया गया है। ला वैलेटा ब्रायांज़ा के मेयर मार्को पांजेरी ने इस अग्निकांड को एक भयावह आपदा बताया और कहा कि ऐतिहासिक मठ को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती।

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