गाजाः लगभग 2 साल तक गाजा-इजराइल युद्ध की खबरें पूरी दुनिया तक पहुंचाते वाला नहीं रहा। इजराइली मिसाइलों से क्षतविक्षत गाजा का रूप पूरी दुनिया ने उन्हीं के कैमरे की आंखों से देखा था। साक्षात मृत्यु के मुंह में जाकर युद्ध की तस्वीर दुनिया के सामने लाने वाले जांबाज फिलिस्तीनी पत्रकार सालेह अलजाफरावी आखिरकार युद्ध भूमि से नहीं लौटे। अंततः दो साल तक चले रक्तरंजित संघर्ष का अंत हुआ फिलिस्तीन के 28 वर्षीय पत्रकार अपने घर नहीं लौटे।
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी गाजा के अल-सबरा क्षेत्र में युद्ध की खबर एकत्र करने गए पत्रकार सालेह अलजाफरावी की मृत्यु हो गई है। गाजा में संघर्षविराम के बाद उनकी दुखदायी मृत्यु की खबर सामने आयी। अल जजीरा से प्रसारित फुटेज में सालेह का निष्प्राण शरीर और PRESS लिखी जैकेट दिखी। संघर्ष रुकने के बाद पत्रकार की मृत्यु की खबर पर हंमामा मचा हुआ है।
प्रत्यक्षदर्शी का दावा है कि सशस्त्र व्यक्तियों के एक समूह ने सालेह को घेरकर निर्ममता से गोली मारकर हत्या कर दी। समाचार संस्था का दावा है कि इजराइल समर्थित सहयोगी दल के सदस्यों ने ही इस फिलिस्तीनी युवक की हत्या की। गाजा के गृह मंत्रालय के अनुसार, पत्रकार की हत्या के पीछे वास्तव में मिलिशिया बल है। संघर्षविराम की घोषणा के बाद भी उन्होंने हमला किया। उनके हमले में गाजा में उस पत्रकार सहित कई लोगों की मृत्यु हुई है और कई घायल हुए हैं।
संघर्षविराम के बावजूद गाजा में अभी भी सुरक्षा स्थिति अत्यंत गंभीर है। इस बारे में स्थानीय प्रशासन ने भी चेतावनी दी है। हाल ही में सालेह अलजाफरावी ने अल जजीरा के एक साक्षात्कार में अपनी आशंका व्यक्त करते हुए कहा था, 'हर पल डर में जी रहा हूं। इसके बाद क्या होगा पता नहीं। शायद बेघर हो जाऊंगा।' आतंकित सालेह को युद्ध के बाद के गाजा की तस्वीर देखना नसीब नहीं हुआ। सशस्त्र मिलिशिया बल ने निश्चिंत होकर घर लौटने के सपने पर पानी फेर दिया। उल्लेखनीय है कि 2023 के अक्टूबर में इजराइल युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा में लगभग 270 पत्रकारों ने जान गंवाई है।