गुप्त दस्तावेज चीन को देने के आरोप में भारतवंशी रणनीतिक विशेषज्ञ एश्ले टेलिस अमेरिका में गिरफ्तार

सरकारी वकीलों का कहना है कि टेलिस को स्टेट डिपार्टमेंट और पेंटागन में काम करने के कारण ‘टॉप सीक्रेट सिक्योरिटी क्लियरेंस’ मिला हुआ था, जिसके जरिए वे अत्यंत गोपनीय दस्तावेज देख सकते थे।

By एलिना दत्त, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Oct 15, 2025 12:54 IST

वाशिंगटनः अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के 'टॉप सीक्रेट' दस्तावेज चीन के हाथों सौंपने के आरोप में बुश कार्यकाल के उच्च पदस्थ अधिकारी व अमेरिकी विश्लेषक भारतीय मूल के एश्ले जे टेलिस को एफबीआई ने गिरफ्तार किया है। ट्रंप प्रशासन का दावा है कि उनके खिलाफ चीनी सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क बनाए रखने के भी प्रमाण मिले हैं।

कौन हैं एश्ले जे टेलिस?: एफबीआई के हाथों गिरफ्तार एश्ले टेलिस का जन्म 1961 में भारत के मुंबई में हुआ था। वहां के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए और बंबई विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ने करने के बाद शिकागो विश्वविद्यालय से पीएचडी करने के बाद नई दिल्ली में अमेरिकी राजदूत के एक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नियुक्त हुए। बाद में पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के अधीन दक्षिण-पश्चिम एशिया को लेकर सुरक्षा परिषद की रणनीतिक योजना से जुड़े थे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में भी दायित्व निभाया है। एश्ले ने बुश कार्यकाल में हुए अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौते की बातचीत में महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी।

टेलिस की की पढ़ाई लिखाई और अन्य उपलब्धियांः सरकारी नौकरी से पहले वे रैंड ग्रेजुएट स्कूल में एक वरिष्ठ नीति विश्लेषक और नीति विश्लेषण के प्रोफेसर थे। वर्तमान में वे रणनीतिक मामलों में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ कार्नेगी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में एक वरिष्ठ फेलो के रूप में कार्यरत हैं। उल्लेखनीय है कि भू-राजनीति (जियो पॉलिटिक्स) पर अपने हालिया लेख में एश्ले ने भारत की ग्रैंड स्ट्रैटेजी (महायोजना) की व्याख्या की है, जिसमें उन्होंने संकेत दिया था कि भविष्य में भारत चीन के साथ तालमेल बनाकर चलेगा।

क्या है आरोपः 64 साल के एश्ले टेलिस को एफबीआई ने एक सरकारी सलाहकार और पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग) के लिए काम करने वाले व्यक्ति के रूप में पहचाना है। एफबीआई का कहना है कि सितंबर और अक्टूबर 2025 में उन्हें रक्षा और विदेश मंत्रालय की इमारतों से एक चमड़े का बैग लेकर बाहर जाते हुए देखा गया था। दावा है कि उस बैग में गोपनीय दस्तावेज थे। एफबीआई ने यह भी कहा है कि एश्ले टेलिस को बेहद संवेदनशील जानकारी तक पहुंच की इजाज़त थी और उन्होंने उसी का गलत इस्तेमाल किया।

वीडियो में क्या दिखाः वीडियो में दिखा है कि एश्ले टेलिस ने कई गोपनीय दस्तावेज प्रिंट किए, जिनमें से एक पर ‘टॉप सीक्रेट’ लिखा था। बाद में उन्होंने इन कागजों को एक नोटपैड के बीच छिपा लिया। एफबीआई की 25 सितंबर 2025 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टेलिस ने गृह मंत्रालय के 'क्लासनेट' नामक एक सुरक्षित संचार प्रणाली का उपयोग किया, जो सिर्फ गुप्त जानकारी के लिए होती है। रिकॉर्ड से पता चला कि उन्होंने 1,288 पन्नों का एक अमेरिकी वायुसेना का ‘सीक्रेट’ दस्तावेज खोला, उसे अलग से सेव किया और उसका नाम भी बदल दिया। इसके कुछ हिस्सों को उन्होंने प्रिंट भी किया।

घर की तलाशी के बाद गिरफ्तारीः पिछले कुछ दिनों से टेलिस पर अमेरिका की गुप्त जानकारी को लीक करने का शक था, और इसी कारण जांच शुरू हुई। इसके बाद मंगलवार को उनके वियना और वर्जीनिया स्थित घरों की तलाशी ली गई, जहां से रक्षा मंत्रालय से जुड़े गोपनीय दस्तावेज मिले। इसके तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

चीन के एक सरकारी अधिकारी से मिले थे टेलिशः एक राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एफबीआई की चार्जशीट में बताया गया है कि टेलिस वर्जीनिया के फेयरफैक्स इलाके की एक रेस्टोरेंट में कई बार चीन के एक सरकारी अधिकारी से मिले थे। 15 सितंबर की एक डिनर मीटिंग में टेलिस एक मनीला लिफाफा लेकर आए थे, लेकिन जाते समय वो उनके पास नहीं था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उस मीटिंग में चीन के अधिकारियों ने उन्हें दो बार बैग दिए। सरकारी वकीलों का कहना है कि टेलिस को स्टेट डिपार्टमेंट और पेंटागन में काम करने के कारण ‘टॉप सीक्रेट सिक्योरिटी क्लियरेंस’ मिला हुआ था, जिसके जरिए वे अत्यंत गोपनीय दस्तावेज देख सकते थे।

टेलिस दोषी पाए जाते हैं तो क्या हो सकती है सजा?: एफबीआई का कहना है कि टेलिस ने जानबूझकर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के ‘टॉप सीक्रेट’ दस्तावेज अपने पास रखे और उन्हें दूसरे देश तक पहुंचाया, जो कानून का उल्लंघन है। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, अगर टेलिस पर सिर्फ गैरकानूनी तरीके से दस्तावेज रखने का आरोप भी साबित होता है तो उन्हें 10 साल तक की जेल और 2.5 लाख डॉलर (लगभग 2 करोड़ रुपये) तक का जुर्माना हो सकता है।

आरोप सही साबित होते हैं तो देश की सुरक्षा के लिए खतराः वकीलः वर्जीनिया के पूर्वी जिले की अमेरिकी वकील लिंडसे हैलिगन ने कहा कि अगर यह आरोप सही साबित होते हैं तो यह हमारे देश और नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा होगा। गौरतलब है कि लिंडसे हैलिगन वही वकील हैं, जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आलोचकों पर कानूनी कार्रवाई के लिए जानी जाती हैं।

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