ढाका: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को ढाका में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान से मुलाकात कर उनकी मां व पूर्व प्रधानमंत्री एवं BNP अध्यक्ष बेगम खालिदा ज़िया के निधन पर भारत की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक व्यक्तिगत पत्र तारिक रहमान को सौंपा। उन्होंने खालिदा ज़िया की विरासत पर भरोसा जताते हुए द्विपक्षीय संबंधों में उसकी प्रासंगिकता पर भी बल दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बेगम खालिदा ज़िया का दृष्टिकोण और मूल्य हमारी साझेदारी के विकास का मार्गदर्शन करेंगे।
वहीं, भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज़ हामिदुल्ला ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि जयशंकर ने लोकतंत्र में खालिदा ज़िया के योगदान को स्वीकार किया और फरवरी 2026 में प्रस्तावित आगामी चुनाव के माध्यम से बांग्लादेश के लोकतांत्रिक संक्रमण के बाद द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने को लेकर आशावाद व्यक्त किया।
इस बीच दुनिया भर से श्रद्धांजलियां आने के साथ ही खालिदा ज़िया का पार्थिव शरीर दिन में पहले उनके गुलशन स्थित आवास ‘फिरोज़ा’ पहुंचा, जहां परिवार के सदस्यों और करीबी रिश्तेदारों ने नमाज़-ए-जनाज़ा से पहले अंतिम दर्शन किए।
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों के भी अंतिम नमाज़ में शामिल होने की संभावना है। नमाज़ के बाद खालिदा ज़िया को उनके पति, पूर्व राष्ट्रपति ज़ियाउर रहमान, के मकबरे के पास शेर-ए-बांग्ला नगर में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। बांग्लादेश ने बुधवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है और तीन दिनों के राजकीय शोक की अवधि शुरू की है।
बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। दशकों तक राष्ट्रीय राजनीति की प्रभावशाली शख्सियत रहीं खालिदा ज़िया ने तीन कार्यकालों तक देश का नेतृत्व किया और सैन्य शासन के वर्षों के बाद लोकतंत्र की बहाली में अहम भूमिका निभाई।
सरकार ने घोषणा की है कि खालिदा ज़िया की अंतिम यात्रा कड़े सुरक्षा प्रबंधों के साथ पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ संपन्न की जाएगी। मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफ़ीक़ुल आलम ने बताया कि 10,000 से अधिक पुलिस और आर्म्ड पुलिस बटालियन के जवान तैनात किए गए हैं। वैश्विक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की ओर से भी शोक संदेश आए हैं। पाकिस्तान, नेपाल और अन्य देशों के नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी, जबकि संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, अमेरिका, रूस, चीन और कई राजनयिक मिशनों ने बांग्लादेश के राजनीतिक और लोकतांत्रिक विकास में खालिदा ज़िया के योगदान को स्वीकार किया।