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'बंकर में छिपने की आयी थी नौबत...' ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता पर पाक राष्ट्रपति का कबूलनामा

पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने खुद यह जानकारी दी कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय शूरवीरों से खतरे को भांपकर उनके बंकर में छिपने तक की नौबत आ गयी थी।

By Moumita Bhattacharya

Dec 28, 2025 22:12 IST

पाकिस्तान भले ही सार्वजनिक मंचों पर भारतीय सेना की वीरता को नकारता रहा हो लेकिन कभी-कभी वह असलियत को स्वीकार भी कर लेता है। कुछ ऐसा ही तब हुआ जब पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की वजह से फैले खौफ की बात को स्वीकार कर लिया।

रविवार को पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने खुद यह जानकारी दी कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय शूरवीरों से खतरे को भांपकर उनके बंकर में छिपने तक की नौबत आ गयी थी। उनके सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बंकर में छिपने की सलाह दी थी। यानी 'ऑपरेशन सिंदूर' से इस्लामाबाद तक कांप उठा था।

गत 26 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का फैसला लिया। 7 से 10 मई तक भारत की सशस्त्र वाहिनी के जवानों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया जिसमें पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया था। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के 5 युद्धविमान और एक कार्गो विमान को भारतीय वायुसेना ने जमीन पर उतार दिया था।

पाकिस्तान के लिए बने उस खौफनाक मंजर को याद करते हुए आसिफ अली जरदारी ने कहा मेरे युद्ध सचिव दौड़ते हुए मेरे पास आए और कहा, 'सर युद्ध शुरू हो गया है। चलिए बंकर में चलते हैं।' हालांकि पाक राष्ट्रपति ने दावा किया कि उन्होंने उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। उन्होंने कहा था, 'नेता बंकर में नहीं मरते हैं। वे रणभूमि में मरते हैं।' हालांकि भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टि. जनरल केजेएस ढिल्लन पाक राष्ट्रपति जरदारी के इस बड़बोलेपन को मानने के लिए राजी नहीं हैं।

ढिल्लन का कहना है कि जब भारत ने हमला किया था तब उसके सामने पाकिस्तान के राजनेता से लेकर खुद सेनाध्यक्ष आसिम मुनिर तक, सभी बंकर में छिप कर बैठ गए थे। जरदारी अब चाहे कितनी भी बयानबाजी कर लें लेकिन युद्ध से 4 दिन पहले ही उन्होंने खतरा भांप लिया था और सुरक्षा के लिए जमीन के नीचे बंकर में शरण ली थी।

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