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"भारत और इजराइल आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ के साझेदार", विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा

सिडनी हमले की कड़ी निंदा, आतंकवाद के खिलाफ भारत-इजराइल का सहयोग

By श्वेता सिंह

Dec 17, 2025 00:27 IST

जेरूसलमः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को सिडनी के बॉन्डी बीच में हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि भारत और इजराइल दोनों देशों की आतंकवाद के प्रति ‘शून्य सहनशीलता’ नीति है। इस दौरान जयशंकर ने इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग, विदेश मंत्री गिडियन सार और अर्थव्यवस्था व उद्योग मंत्री निर बारकात से मुलाकात की। जयशंकर ने प्रेस से कहा, “सिडनी हमले में हुई मानव हानि पर हमारी गहरी संवेदना। हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। भारत और इजराइल दोनों देशों की आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति है। हम आपके लगातार समर्थन के लिए आभारी हैं।”

इस हमले में दो बंदूकधारियों ने 15 लोगों की हत्या की और 40 अन्य घायल हुए। हमलावरों में 50 वर्षीय भारतीय नागरिक साजिद अकराम और उनके 24 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई पुत्र नवीद अकराम शामिल थे।जयशंकर ने इजराइल के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और इजराइल के बीच रिश्ते G2G (सरकार से सरकार), B2B (व्यवसाय से व्यवसाय) और P2P (लोगों से लोगों) स्तर पर मजबूत हैं।

उन्होंने निवेश और नवाचार सहयोग को बढ़ावा देने, मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को जल्द पूरा करने और रक्षा, तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने पर जोर दिया। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और शैक्षणिक साझेदारी भी गहरी है, जिसमें फिल्म महोत्सव, नृत्य प्रदर्शन और विश्वविद्यालयों के बीच कार्यक्रम शामिल हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक,जयशंकर ने तेल अवीव विश्वविद्यालय में भारतीय परिषद (ICCR) की भारत चेयर स्थापना पर हस्ताक्षर किए। इस पहल का उद्देश्य शैक्षणिक सहयोग बढ़ाना और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध मजबूत करना है। उन्होंने कहा, “भारत और इजराइल के बीच हजारों सालों का संपर्क है। हमारी साझा संस्कृति और इतिहास हमें जोड़ता है। यह साझेदारी वैश्विक दक्षिण के लिए भी महत्वपूर्ण संदेश देती है।”

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याह की भारत यात्रा की तैयारी के बीच यह दौर महत्वपूर्ण है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच निवेश, सुरक्षा, शिक्षा और तकनीकी सहयोग को नई दिशा मिलेगी। जयशंकर ने कहा कि दोनों देश लोकतांत्रिक शक्तियां हैं और मानवता की भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि गाजा शांति योजना स्थायी और टिकाऊ समाधान की दिशा में मदद करेगी। इस दौरान दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर विचार-विमर्श किया और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे जैसी परियोजनाओं पर भी चर्चा की।

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