सिडनी/हैदराबाद/मनीला:र हुए घातक आतंकी हमले को लेकर जांच का दायरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल गया है। भारत में तेलंगाना पुलिस ने मुख्य अभियुक्त की पृष्ठभूमि से जुड़ी जानकारी साझा की है।
तेलंगाना पुलिस के अनुसार, बॉन्डी बीच सामूहिक गोलीबारी के अभियुक्तों में शामिल साजिद अकरम मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला था। उसने हैदराबाद से बी.कॉम. की पढ़ाई पूरी की थी और नवंबर 1998 में रोजगार की तलाश में ऑस्ट्रेलिया चला गया था। वह बीते 27 वर्षों से ऑस्ट्रेलिया में रह रहा था और इस दौरान उसका हैदराबाद स्थित परिवार से सीमित संपर्क रहा। तेलंगाना पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने स्पष्ट किया कि साजिद अकरम और उसके बेटे नवेद अकरम के कथित कट्टरपंथी बनने के कारणों का भारत या तेलंगाना में किसी स्थानीय प्रभाव से कोई संबंध नहीं पाया गया है।
इस बीच, फिलीपींस की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (NSC) ने पुष्टि की है कि वह उन रिपोर्टों की जांच कर रही है, जिनमें कहा गया है कि साजिद और नवेद अकरम हमले से करीब एक महीने पहले फिलीपींस गए थे। राष्ट्रपति को सलाह देने वाली इस संस्था के मुताबिक, इन रिपोर्टों का सत्यापन किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि दोनों ने फिलीपींस में “सैन्य-शैली” का प्रशिक्षण लिया था।
बॉन्डी बीच पर यह हमला उस समय हुआ जब यहूदी समुदाय के लोग हनुक्का के पहले दिन के अवसर पर एकत्र हुए थे। हमले को आधिकारिक तौर पर आतंकवादी कृत्य घोषित किया गया है। इस घटना में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई, जिनमें 12 वर्षीय एक बच्ची और एक रब्बी भी शामिल हैं। मुठभेड़ के दौरान ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने साजिद अकरम को मार गिराया, जबकि उसका बेटा नवेद अकरम गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने इस हमले को “विनाशकारी आतंकी हमला” और यहूदी ऑस्ट्रेलियाइयों के खिलाफ “लक्षित यहूदी-विरोधी कृत्य” करार दिया। मालूम हो कि 1996 में कड़े बंदूक कानून लागू होने के बाद से ऑस्ट्रेलिया में सामूहिक गोलीबारी की घटनाएं बेहद दुर्लभ रही हैं, जिससे बॉन्डी बीच हमला हाल के वर्षों में देश की सबसे घातक आतंकी घटनाओं में से एक माना जा रहा है।