ढाका: बांग्लादेश के लगभग 800 पंडालों में दुर्गा प्रतिमा के असुर के मुंह पर दाढ़ी रखने की घटना के पीछे बांग्लादेश की मुहम्मद युनूस सरकार 'भारत का हाथ' देख रही है। सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति पर रविवार को अपने कार्यालय की कोर कमेटी की बैठक के बाद बांग्लादेश के गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों के सबसे बड़े त्योहार के दौरान सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए विभिन्न पंडालों की प्रतिमाओं में असुर के मुंह पर दाढ़ी रखी गई थी।
सलाहकार द्वारा पढ़े गए लिखित बयान में कहा गया है, 'एक पड़ोसी देश में दुर्गा पूजा की प्रतिमा बनाते समय प्रधान सलाहकार को जिस तरह से निंदनीय रूप से प्रस्तुत किए जाने की खबर मिली है, उसके साथ असुर के मुंह पर दाढ़ी लगाने के काम का संबंध दिखाई दे रहा है।'
मालूम हो कि हाल ही में पार्वत्य चट्टग्राम में मारमा जनजाति की एक नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप के बाद वहां अशांति फैल गई। जनजातियों के विरोध में पुलिस और सेना घिर गए। गोलीबारी में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। गृह सलाहकार जहांगीर ने इस अशांति के लिए भी सीधे भारत को जिम्मेदार ठहराया था।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जहांगीर की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा था कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अपनी सभी विफलताओं का दोष भारत पर डाल रही है। इसके बाद दुर्गा पूजा के दौरान एक पंडाल में पूजा के बीच ही असुर के मुंह से प्रशासन द्वारा दाढ़ी काट ली गई, जिससे अल्पसंख्यकों में आक्रोश फैल गया।
रविवार को गृह मंत्रालय की कोर कमेटी की बैठक में अन्य मुद्दों के साथ पूजा पर भी चर्चा हुई। वहां जो फैसला हुआ, सलाहकार ने उस दिन पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा, 'बलात्कार का आरोप लगाकर पार्वत्य चट्टग्राम को अशांत करना और शारदीय दुर्गोत्सव में पंडाल में असुर के मुंह पर दाढ़ी लगाकर सांप्रदायिक सौहार्द को नष्ट करने की साजिश के पीछे फासिस्टों के सहयोगियों का समर्थन है, जो पहले ही स्पष्ट हो चुका है।'
सलाहकार का आरोप है, 'फासिस्ट और उनके सहयोगियों ने कुछ पूजा पंडालों में असुर के मुंह पर दाढ़ी लगाकर धार्मिक विभेद और सांप्रदायिक उकसावे तथा हिंसा पैदा करने की कोशिश की है। इस घटना में कुछ फासिस्ट बुद्धिजीवियों का उकसावा था। कुल 793 पंडालों में असुर के मुंह पर दाढ़ी लगाई गई थी। इन पूजा समितियों के खिलाफ पुलिस ने डायरी दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
सलाहकार की टिप्पणी पर नेटिजन्स में आक्रोश देखा गया है। कई लोग कह रहे हैं कि बांग्लादेश में प्रतिमा बनाने का कोई दिशानिर्देश नहीं है। यह पहली बार नहीं है कि किसी पंडाल में असुर के मुंह पर दाढ़ी रखी गई है। हर साल ही कुछ पूजा समितियां असुर के मुंह पर दाढ़ी रखती हैं, कुछ समितियां नहीं रखतीं।
लेकिन इस साल युनूस सरकार और उनके गृह सलाहकार इस मुद्दे को 'भारत की साजिश' कहकर आरोप लगा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि असुर के मुंह पर जो 'छोटी दाढ़ी' रखी जाती है, उसका किसी विशेष धर्म से कोई संबंध नहीं है। सलाहकार जहांगीर ने सांप्रदायिक अशांति के साथ इस मुद्दे को क्यों जोड़ा, यह सवाल उठा है। एक नेटिजन की टिप्पणी है, 'क्या इस बार युनूस सरकार रवींद्रनाथ की भी दाढ़ी मुंडवा देंगे?'