'अभी नहीं या कभी नहीं', नेतन्याहू सरकार के खिलाफ तेल अवीव की सड़कों पर उतरे इजरायली

हमास के हाथों बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों के परिवार और कई अन्य लोगों ने होस्टेजेस स्क्वायर पर इकट्ठा होकर इजरायली सरकार से मांग की कि ट्रम्प की शांति योजना को सफल बनाना होगा, तुरंत युद्ध बंद करके अभी भी बंधक बने 48 लोगों को सुरक्षित देश वापस लाना होगा।

By अमर्त्य लाहिड़ी, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Oct 05, 2025 18:19 IST

तेल अवीवः2023 के 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास ने हमला किया था, जिससे गाजा युद्ध शुरू हुआ था। उसके बाद दो साल बीत गए हैं। इस बीच गाजा को लगभग तबाह कर देने के बावजूद इजरायली सरकार हमास के हाथों बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों को अभी तक उनके परिवारों के पास वापस नहीं ला पाई है। शनिवार को हमास हमले की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर तेल अवीव के 'होस्टेजेस स्क्वायर' में हजारों लोग जमा हुए थे। उन्होंने इजरायली सरकार से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की गाजा शांति योजना को सफल करने की मांग की।

ट्रम्प के शांति प्रस्ताव के मुख्य तत्वों को मानने के लिए हमास सहमत हो गया है। इस प्रस्ताव में सभी बंधकों की रिहाई और गाजा घाटी का प्रशासन फिलीस्तीनियों के राष्ट्रीय सहमति के आधार पर और अरब व इस्लामी समर्थन से गठित एक स्वतंत्र फिलीस्तीनी संस्था के हाथों में सौंपना शामिल है।

इजरायली बंधकों के परिवारों और ट्रम्प की ओर से तत्काल युद्ध बंद करने की अपील के बावजूद इजरायली सेना अभी भी गाजा शहर के अंदर अभियान चला रही है। बंधकों के परिवार इस बात से चिंतित हैं कि इजरायल के आक्रामक रवैये के कारण ही इससे पहले गाजा में कई बार शांति वार्ता विफल हो गई थी, इसलिए नेतन्याहू सरकार की वजह से ही अंततः ट्रम्प का गाजा शांति प्रस्ताव लागू नहीं होगा।

इस स्थिति में शनिवार को बंधकों के परिवार के सदस्यों और कई अन्य लोगों ने होस्टेजेस स्क्वायर में इकट्ठा होकर इजरायली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। नेतन्याहू सरकार से उन्होंने मांग की कि ट्रम्प की शांति योजना को सफल बनाना होगा, तुरंत युद्ध बंद करके अभी भी बंधक बने 48 लोगों को सुरक्षित देश वापस लाना होगा।

हर जगह बैनर टांगे गए: अभी नहीं तो कभी नहीं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किसी भी हालत में इस समझौते को टूटने नहीं दिया जा सकता। प्रदर्शनकारियों का कहना है, 'हम एक और समझौता टूटने नहीं दे सकते। अब नहीं तो शायद कभी भी उन्हें बचाया नहीं जा सकेगा।'

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