नयी दिल्लीः भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने 80 हजार कर्मचारियों की छंटनी की है। इस तरह के दावे वाले कई पोस्ट पिछले दो दिनों में सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर फैल गए थे। इन पोस्ट के दावों ने न केवल टीसीएस के कर्मचारियों बल्कि आईटी सेक्टर के कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी थी। लेकिन टीसीएस ने 80 हजार कर्मचारियों की छंटनी के दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की खबर झूठी और भ्रामक है।
इस साल जुलाई महीने में टीसीएस ने लगभग 12 हजार कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी। मुख्य रूप से सीनियर और मिड सीनियर लेवल से ही इतनी संख्या में कर्मचारियों को निकालने की बात कही गई थी। इस छंटनी के कारण टीसीएस के कुल कर्मचारियों की संख्या लगभग 2 प्रतिशत कम हो जाएगी। इस छंटनी के बाद, 80 हजार कर्मचारियों की छंटनी की 'झूठी खबर' ने डर का माहौल बना दिया था। टाटा समूह की इस कंपनी ने बयान जारी करके इसे खारिज कर दिया।
हालांकि टीसीएस ने 80 हजार कर्मचारियों की छंटनी की खबर को खारिज कर दिया है, लेकिन आईटी कर्मचारियों के बीच नौकरी खोने का डर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है क्योंकि चालू वित्त वर्ष में टीसीएस के अलावा कई अन्य आईटी कंपनियों ने भी कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है। एक्सेंचर ने पहले ही 11 हजार कर्मचारियों की छंटनी की बात कही है। माइक्रोसॉफ्ट ने भी 9 हजार कर्मचारियों की नौकरी छीन ली है।
मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आगमन के कारण ही विभिन्न आईटी कंपनियां अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव की राह पर चल रही हैं। इसके कारण विभिन्न प्रकार के कामों की प्रकृति और मांग में परिवर्तन आ रहा है। इस बदली हुई परिस्थिति के साथ तालमेल बिठाने के लिए ही टीसीएस सहित कई कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी की बात कही है।