वे सभी जिंदा हैं और स्वस्थ भी। वे खाना खा रहे हैं और घूम-फिर रहे हैं। लेकिन वोटर लिस्ट में उनके नाम के आगे 'मृत' लिखा है। बिहार के धरैया प्रखंड के बटसार गांव के पांच बुजुर्गों की हैरानी का कोई अंत नहीं है। उन्होंने बीडीओ अरविंद कुमार को ज्ञापन देकर घटना की जानकारी दी है। उन्होंने विनम्रतापूर्वक लिखा है, 'साहब, हम अभी जिंदा हैं।' सवाल उठता है कि क्या यह सब 'SIR' का परिणाम है?
चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। अभी एक महीना भी नहीं बचा है। उससे ठीक पहले इस घटना से हड़कंप मच गया है। बूथ संख्या 216 के निवासी मोहन साह, संजय यादव, रामरूप यादव, नरेंद्र कुमार दास और विष्णुवर प्रसाद गुस्से से भरे हुए हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रदेव मंडल के नेतृत्व में पांचों बुजुर्गों ने बीडीओ से शिकायत की है। अगर इस गलती की वजह से वे वोट नहीं दे पाते हैं तो वाकई यह बहुत गंभीर मसला है। बीडीओ ने ज्ञापन मिलने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने बूथ लेवल अधिकारी को फॉर्म 6 भरकर उनके नाम बहाल करने के निर्देश भी दिए हैं। बीडीओ अरविंद ने कहा, "पात्र मतदाताओं को वंचित नहीं किया जाएगा। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं।"
बिहार में SIR को लेकर गुस्सा अभी थमा नहीं है। चुनाव आयोग पिछले कुछ महीनों से विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में गहन संशोधन कर रहा है। पहले चरण में लगभग 65 लाख नाम ड्राफ्ट सूची से हटा दिए गए थे। इसके बाद विवाद और गहरा गया। बिहार ही नहीं, राष्ट्रीय राजनीति में भी उथल-पुथल मच गई। 30 सितंबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची से लगभग 47 लाख नाम हटा दिए गए।