पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी गर्मी तेज हो गई है। इस चुनाव में चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने एक नया ही ट्रेंड सेट कर दिया है। प्रशांत किशोर नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। उनके चुनाव न लड़ने और प्रचार करने के फार्मूले को अब मुकेश सहनी भी आजमाते दिख रहे हैं। कल तक पीके राजनीतिक पार्टियों से मोटी रकम लेकर चुनावी रणनीतियां बनाने में मदद करते थे। अब उनके चुनाव न लड़ने और पार्टी के लिए प्रचार करने की रणनीति के फार्मूले को चुरा लिया गया है। देखना यह है कि मुकेश सहनी ने सीटों की संख्या तो बढ़वा ली है, क्या चुनाव में उनकी विकासशील इंसान पार्टी जीत हासिल कर पायेगी!
चुनाव नहीं लड़ने का फैसला
सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में मंथन के बाद अब स्थिति साफ हो गयी है। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने शुक्रवार को बड़ा राजनीतिक फैसला लेते हुए खुद चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें न तो राज्यसभा चाहिए और न ही मंत्री पद बल्कि उनका लक्ष्य इस बार बिहार का डिप्टी सीएम बनना है।
विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश साहनी को 15 सीटें मिलीं जिसके लिए राहुल गांधी का ‘एक फोन’ निर्णायक साबित हुआ। शुरू में 9 सीटों पर अड़े सहनी ने 40 सीटों की मांग की थी लेकिन राहुल के हस्तक्षेप और तेजस्वी यादव की मध्यस्थता से 15 सीटों पर सहमति बनी। इसके साथ ही एक MLC, राज्यसभा सीट और डिप्टी CM पद का वादा भी मिला। यह डील महागठबंधन को मजबूती देगी और साहनी की ‘सन ऑफ मल्लाह’ छवि बिहार की सियासत में नया रंग लाएगी।
VIP को मिलीं ये सीटें
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन सीटों पर VIP अपने प्रत्याशी उतारेगी, उनमें शामिल हैं: आलमनगर, गौरा बौराम, दरभंगा शहर, कुशेश्वरस्थान, औराई,बरूराज, केसरिया, सिकटी, निर्मली, कटिहार, गोपालपुर, बिहपुर और लोरिया।
इनमें से अधिकांश सीटें अति पिछड़ा वर्ग (EBC) और मछुआरा समाज के प्रभाव क्षेत्र की मानी जाती हैं जिससे VIP को सामाजिक समीकरण साधने की जिम्मेदारी दी गई है।
सीटों पर सहमति से पहले फुल ड्रामा
महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चल रही तनातनी के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने स्वयं मुकेश सहनी को फोन कर समझौते का भरोसा दिलाया। राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि VIP को महागठबंधन में पूरा सम्मान दिया जाएगा और किसी तरह की अनदेखी नहीं होगी।
इससे पहले पटना से दिल्ली तक राजनीतिक हलचल तेज हो गई। वहीं, सहनी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की टाइमिंग में लगातार बदलाव होता रहा — पहले दोपहर 12 बजे, फिर 4 बजे और अंत में शाम 6 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई।
मुकेश सहनी का चुनाव न लड़ने का फैसला और VIP को मिली सीटों की संख्या महागठबंधन के भीतर राजनीतिक संतुलन का हिस्सा माना जा रहा है। जहां एक ओर सहनी को डिप्टी सीएम पद की महत्वाकांक्षा ने सक्रिय रखा है, वहीं दूसरी ओर VIP को मिली सीटें इस बात का संकेत हैं कि EBC और मछुआरा समाज को साधना अब भी हर राजनीतिक गठबंधन के लिए अहम है। अब देखना यह होगा कि VIP अपने प्रत्याशियों के दम पर कितनी सीटें जीत पाती है और क्या सहनी का ‘सन ऑफ मल्लाह’ ब्रांड इस बार वोटों में तब्दील हो पाएगा।