मोकामा में ‘बाहुबली फैक्टर’ की जीत: जेल में बंद JDU नेता अनंत सिंह ने फिर साबित किया अपना वर्चस्व

आर्म्स एक्ट में अयोग्य ठहराए जाने से लेकर 2025 में बड़ी जीत तक—मोकामा की राजनीति क्यों घूमती है सिर्फ दो नामों के इर्द-गिर्द?

By श्वेता सिंह

Nov 14, 2025 19:35 IST

जेल में बंद जनता दल (यूनाइटेड) के नेता अनंत सिंह ने पटना जिले की मोकामा विधानसभा सीट से शुक्रवार को 28,206 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। अनंत सिंह को 91,416 वोट मिले जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी RJD उम्मीदवार और सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को 63,210 वोट मिले। जन सुराज पार्टी के प्रियदर्शी पियूष तीसरे स्थान पर रहे, उन्हें 19,365 वोट प्राप्त हुए।

गौरतलब है कि पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि मतदान शुरू होने से पहले ही अनंत कुमार सिंह को जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अनंत सिंह को उनके दो सहयोगियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम के साथ गिरफ्तार किया गया और पटना में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया।

मोकामा: बाहुबली राजनीति का गढ़

मोकामा बिहार की राजनीति में प्रभावशाली और अक्सर विवादित "बाहुबली" नेताओं का गढ़ माना जाता है। इस क्षेत्र में प्रमुख नाम हैं अनंत कुमार सिंह, उनके भाई दिलीप सिंह और सूरजभान सिंह। 2025 के चुनाव में मोकामा की लड़ाई दो बाहुबलियों—अनंत सिंह और सूरजभान सिंह के इर्द-गिर्द घूमी।

मोकामा में अनंत परिवार का दबदबा

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में अनंत सिंह और उनके परिवार का पिछले 35 साल से दबदबा है। दिलीप सिंह, अनंत सिंह के भाई, 1990 और 1995 में विधायक रहे और राबड़ी देवी सरकार में मंत्री भी रहे। 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में सूरजभान सिंह ने दिलीप सिंह को हराया था, लेकिन 2005 के बाद से अनंत सिंह लगातार जीत रहे हैं। अनंत सिंह ने पहले RJD से, फिर निर्दलीय और बाद में JDU से चुनाव लड़ा और कभी हार नहीं मानी। यह लगातार जीत मोकामा में उनकी पकड़ और बाहुबली प्रभाव का प्रमाण है।

आर्म्स एक्ट केस और अयोग्यता

2020 में अनंत सिंह मोकामा से RJD के टिकट पर विधायक चुने गए थे। हालांकि, आर्म्स एक्ट के तहत उन पर केस दर्ज होने के बाद उन्हें विधानसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। उनके गांव नदावां से AK-47 राइफल और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। अनंत सिंह को 2024 में रिहा किया गया और इस बार JDU ने उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया।

जेल में रहते हुए भी जीत का संदेश

जेल में रहते हुए भी अनंत सिंह की जीत यह दिखाती है कि मोकामा में वोटिंग अक्सर व्यक्तिगत प्रभाव और स्थानीय नेटवर्क पर आधारित होती है। RJD ने सूरजभान सिंह की पत्नी को उम्मीदवार बनाया, लेकिन भारी अंतर से जीत JDU के खाते में गई।

बिहार के बड़े चुनावी परिदृश्य में मोकामा की जीत

2025 के बिहार चुनाव में NDA ने 195 का आंकड़ा पार कर रिकॉर्ड प्रदर्शन किया है। BJP और JDU की प्रमुख भूमिका के साथ LJP(RV) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने भी सहयोग दिया।

बिहार में कुल मतदान 67.13% दर्ज हुआ जो 1951 के बाद सबसे अधिक है। महिला मतदाताओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ते हुए 71.6% मतदान किया जबकि पुरुषों का मतदान 62.8% रहा।

इस बीच, 2025 के बिहार चुनावों में NDA एक नया रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि नवीनतम रुझानों में गठबंधन 195 के आंकड़े को पार कर चुका है। चुनाव आयोग के अनुसार, फिलहाल BJP 30 सीटें जीत चुकी है और 61 पर आगे है। JDU ने 19, LJP(RV) ने 2, और HAM ने 1 सीट जीती है। RJD ने 5 सीटें जीती हैं और 20 पर आगे है। कांग्रेस ने 1, AIMIM ने 4, और CPI(ML)(L) ने 1 सीट जीती है।

भविष्य की राह

विश्लेषकों का मानना है कि अनंत सिंह की लगातार जीत और उनके परिवार की मजबूत पकड़ मोकामा की राजनीति को लंबे समय तक प्रभावित करेगी। सवाल यह है कि क्या मोकामा कभी बाहुबली राजनीति से आगे बढ़कर विकास और परिवर्तन की राजनीति अपनाएगा। 2025 के नतीजे बताते हैं कि अभी वह दिन दूर है।

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